Akbar birbal ki kahani
Akbar birbal ki kahani, अकबर बीरबल की दो अच्छी कहानी, अकबर ने बीरबल को बुलाया और कहा कि तुम्हें मुझे सबसे ईमानदार आदमी ढूंढ कर दिखाना होगा अगर तुम ऐसा नहीं कर पाए तो तुम्हें दरबार से निकाल दिया जाएगा अकबर ने बीरबल को इस काम के लिए 3 दिन का समय दिया यह सब करने के लिए दरबारियों ने ही राजा को इस बात को कहा था कि अगर बीरबल ऐसा कुछ कर सकते हैं तो हम उन्हें सबसे बुद्धिमान मानेंगे.
अकबर बीरबल की दो अच्छी कहानी :- Akbar birbal ki kahani
अकबर भी दरबारियों की बात में आ गए और उन्होंने बीरबल से ऐसा करने को कहा जबकि बीरबल यह जानते थे कि यह सब काम दरबारियों का है but फिर भी बीरबल ने अकबर की बात मानी और उस आदमी को ढूंढने निकल पड़े जो बहुत ही ईमानदार हो, तीन दिन बीत गए तो बीरबल ने राजा से कहा कि मुझे वह आदमी मिल गया है जिसकी आपको तलाश थी वह बहुत ही ईमानदार है
आने का समय :-
अकबर ने जब बीरबल की बात सुनी तो कहा कि यह फैसला हम करेंगे कि वह ईमानदार है या नहीं तुम्हें तो बस उस आदमी के बारे में मुझे बताना है अगले दिन अकबर और बीरबल ने एक थैले में बहुत सारी स्वर्ण मुद्राएं रखी और चल दिए बीरबल ने कहा था कि वह आदमी इस रास्ते से हर रोज गुजरता है और उसके आने का समय हो रहा है उसके बाद वह स्वर्ण मुद्राओं का थैला रास्ते पर रख दिया और एक पेड़ के पास जाकर छुप गए
उस आदमी ने ऐसा थैला उठाया और उठाकर देखने लगा उसमें बहुत सारी स्वर्ण मुद्राएं थी उसने थैला लिया और रास्ते से होते हुए आगे की ओर बढ़ने लगा तभी अकबर अपना वेश बदलकर उसकी ओर जाने लगे जब अकबर उसके पास पहुंचे तो कहने लगे कि तुम यहां पर कहां जा रहे हो मैं अपने घर जा रहा हूं but उससे पहले मैं राजा के पास जाऊंगा और उनके पास जाकर यह थैला जो मुझे रास्ते में मिला हुआ था इसे मैं राजा को दे दूंगा और उसके बाद मैं अपने घर चला जाऊंगा अकबर ने कहा कि यह तो तुम्हें मिला है तुम्हें इसे वापस करने की कोई जरूरत नहीं है इसे तुम घर ले जा सकते हो
स्वर्ण मुद्राएं :-
अकबर बीरबल की कहानी, उस आदमी ने कहा कि जो स्वर्ण मुद्राएं इसके अंदर हैं वह मेरी नहीं है यह जनता की भलाई के लिए है अपने राजा को दे दूंगा जिससे दूसरों का भला हो सकेगा अब राजा समझ चुके थे कि यह सबसे ईमानदार आदमी हैं और राजा बीरबल के पास गए और कहने लगे कि तुमने बहुत अच्छा काम किया तुमने सबसे ईमानदार आदमी को ढूंढ कर दिखा ही दिया इस तरह बीरबल ने अकबर के द्वारा बताए गए एक प्रश्न का हल फिर से कर दिया इसके बाद सभी दरबारी चुपचाप बैठे रहे क्योंकि बीरबल के सामने किसी का भी सर ऊपर नहीं उठ पा रहा था.
दूसरी अकबर बीरबल की कहानी
बीरबल जी अकबर से मिलकर आ रहे थे उन्हें यही लग रहा था की आज का दिन बहुत गर्मी का है तभी उनकी नज़र एक आदमी पर जाती है जो धुप में बैठकर सभी के लिए पानी की व्यवस्था कर रहा है जो भी थका हुआ था उसे वह पानी पीला रहा था वह आदमी बहुत अच्छा था बीरबल उसके पास जाते है और पानी पीते है, वह कहते है की, तुम पानी पीला रहे हो, बहुत ज्यादा गर्मी है,
वह आदमी कहता है की मुझे दुसरो की सेवा करना अच्छा लगता है भले ही मेरे पास कुछ भी नहीं है मेरी परेशानी कम नहीं होती है but में पानी पिलाकर शायद सभी की मदद कर रहा हु उसके बाद मुझे भी अच्छा लगेगा और शायद परेशानी भी कम हो जाएगी बीरबल उसकी बात सुनता है और सोचता है की इसके लिए मुझे कुछ करना चाहिए अगले दिन बीरबल अकबर को उसी जगह पर लाता है वह कहता है की आप देख सकते है की यह आदमी बहुत मेहनत से यहां पर पानी पीला रहा है अकबर देखते है और पानी पीने चले जाते है
अगले दिन बीरबल :-
Akbar birbal ki kahani, अकबर उसकी समस्या को जानते है और बीरबल से कहते है की हमे इसकी मदद करनी चाहिए अगले दिन बीरबल उस आदमी को बहुत साडी स्वर्ण मुद्रा लाते है और उसे देते है इससे उसकी परेशानी कम हो सकती है बीरबल को ऐसे लोग बहुत पसंद है जो दुसरो की मदद करते है अगर आपको यह akbar birbal ki kahani पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे
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