Akbar and birbal stories in hindi
Akbar and birbal stories in hindi, इस कहानी में बीरबल को पकड़ लिया जाता है, क्योकि बीरबल पर यह बात कही जाती है की बीरबल ने धन की मांग की थी, लोगो को परेशान किया था, जिससे बीरबल फंस जाते है, बीरबल इस मुसीबत से कैसे निकलते है, यह सब कुछ इस कहानी में हम पढ़ेंगे.
बीरबल और सेनापति की कहानी : Akbar and birbal stories in hindi
बीरबल पास में ही काम से गए थे, तभी उनके पास एक आदमी आता है, वह कहता है, की मुझे कुछ लोग परेशान कर रहे है अगर आप मेरी सहायता करते है तो इससे में परेशानीसे बच सकता हु, बीरबल ने पूछा की आपको कौन परेशान कर रहा है, वह आदमी कहता है की आपको मेरे साथ चलना होगा, बीरबल उस आदमी के साथ में आते है, बीरबल देखते है की वह आदमी उन्हें कही अजीब जगह पर ले जा रहा है, यह कौन सी जगह है उन्हें पता नहीं था, कुछ देर बाद वह आदमी कहता है, की हम पहुंच गए है,
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बीरबल उस जगह पर जाते है और कहते है की तुम यहां पर क्यों लाये है, वह आदमी कहता है की आप अंदर चलिए बीरबल अंदर जाते है और देखते है की यहां पर तो अकबर और उनके सलाहकार होते है, तभी बीरबल पूछते है की आप यहां पर क्या कर रहे है, अकबर कहते है की हमे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी की तुम यहां पर हो सकते है, यह आदमी कह रहा था की इसे कोई परेशान कर रहा है हमने कहा की आप उस आदमी को मेरे पास लाये तभी फैसला होगा, लेकिन बीरबल तुम यहां पर मुझे मिलोगे यह बात नहीं पता थी, बीरबल ने कहा की यह आदमी मुझे यही कह कर यहां पर लाया है की इसे कोई परेशान कर रहा है
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वह आदमी कहने लगा की बीरबल झूट बोल रहे है, यह बात आपको पता है की मेने कहा था की मुझे यह आदमी परेशान कर रहा है, बीरबल हर महीने यहां पर आ जाते है और मुझे धन की मांग करते है अगर में धन देने से मना करता हु तो यह कहते है की अगर ऐसा नहीं किया गया तो राजा से शिकायत हो सकती है अकबर कहते है की इसका फैसला कल दरबार में होगा, इसलिए बीरबल को पकड़ लिया गया था, बीरबल को कुछ समझ नहीं आया था, जब शाम हुई तो अकबर बीरबल के पास आये कहने लगे की तुम ऐसा कर सकते हो मुझे उम्मीद नहीं है, मगर जब वह आदमी कह रहा है तो मुझे सोचने पर मजबूर होना होगा, बीरबल ने कहा की मुझे लगता है की इसमें कोई चाल है, अगर आप चाहे तो मेरी मदद कर सकते है
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अकबर ने कहा की किस तरह की मदद कर सकते है, बीरबल ने कहा की मुझे एक मौका मिलना चाहिए जिससे में यह सब पता लगा सकू की कौन कर रहा है, अकबर ने कहा की ठीक है तुम्हे मौका दिया और अगर तुम यह नहीं कर पाए तो सजा तुम्हे मिलेगी, बीरबल ने कहा की इसके लिए आपको मुझे अभी छोड़ना होगा, अकबर कहते है की ठीक है ऐसा हो जाएगा
मगर तुम्हारे साथ में मेरे सेनापति रहेंगे, जिससे तुम कही पर भाग न जाओ, बीरबल कहते है की ठीक है, बीरबल और सेनापति उस आदमी के घर जाते है, जब वह उस आदमी के घर जाते है तो उनकी बाते सुनते है सेनापति कहते है की यह सब बाते कर रहे है, वह आदमी कहता है की हमारी योजना काम कर गयी थी हमने बीरबल को राजा से अलग कर दिया है, अगर में यह सब न सोचता तो ऐसा कुछ भी नहीं होता,
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सेनापति ने भी यह सब बाते सुनी थी, बीरबल यही चाहते थे, कुछ देर बाद सेनापति वही पर चले गए थे क्योकि उन्हें यह जानना था की यह सब कौन करवा रहा है तभी पता चला की यह सब दरबार में से कोई एक आदमी था जिसने करवाया था दोनों को पकड़ लिया गया था और अगले दिन दरबार में ले जाया गया था बीरबल को छोड़ दिया गया था, उन्दोनो को सजा सुनाई गयी थी, इस प्रकार फिर से बीरबल बच गए थे और अपनी समझदारी का साबुत दिया था.
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बीरबल ने कहा की आपको कहानी किसी लगी यह भी तो बताये, अकबर ने कहा की बहुत अच्छी कहानी थी, मेने जब ध्यान दिया तो समझ में आ गया था, शायद अब अकबर समझ चुके थे की किसी की भी मेहनत का फल नहीं रखना चाहिए. Akbar and birbal stories in hindi, बीरबल और सेनापति की कहानी, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये,
अकबर के जूते की खोज हिंदी कहानी :- Akbar and birbal stories in hindi
अकबर बीरबल की की यह कहानी आपको पसंद आएगी इस कहानी में अकबर के जूते खो जाते हैं जिन्हें बीरबल खोजते हैं और अब हम इस कहानी में आगे बढ़ेंगे कि बीरबल उनके जूते को कैसे खोज पाते हैं यह कहानी आपके लिए बहुत अच्छी साबित हो सकती है अकबर जब सुबह सोकर उठते हैं तो वह कहते हैं कि मेरे जूते नहीं मिल रहे हैं
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सैनिक को बुलाया जाता है सैनिक भी खोजने की कोशिश करता है मगर किसी को भी राजा अकबर के जूते नहीं मिलते हैं अकबर बहुत गुस्सा हो जाते हैं क्योंकि उनके वह खास जूते थे जो कि उन्हें नहीं मिल रहे थे अब वह दरबार में बिना जूते के ही आने लगते हैं क्योंकि उन्हें वह जूते बहुत पसंद थे सभी यह दरबारी है देखते हैं कि राजा अपने जूते पहनकर नहीं आए हैं उनके साथ ऐसा किया हुआ है जिसके कारण वह अपने जूते नहीं पहन पाए हैं
तभी राजा अकबर कहते हैं कि मेरे जूते खो गए हैं या चोरी हो गए हैं अब सेनापति को बुलाया जाता है और उनसे कहा जाता है कि तुम्हें अपने सैनिकों को मेरे जूते खोजने के लिए लगा देना चाहिए अगर मेरे जूते 2 दिन के अंदर नहीं मिलते हैं तो तुम्हें भी सजा मिलेगी यह सुनकर सेनापति डर जाता है क्योंकि वह सोचता है कि यह अगर जूते नहीं मिले तो उसे भी सजा मिलने वाली है इसलिए सेनापति कहता कि आप चिंता ना करें मैं जल्दी ही आपके जूतों की खोज करता हूं
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लेकिन 1 दिन बीत जाता है फिर भी जूते नहीं मिलते हैं सेनापति हार मानने लगता है और सोचता है कि अगर अगले दिन जूते नहीं मिले तो राजा मुझे सजा दे सकते हैं तभी सेनापति बीरबल के पास आते हैं और उन्हें सब कुछ बता देते हैं बीरबल कहते हैं कि तुम चिंता ना करो मैं कुछ भी करता हूं राजा बीरबल जो कि अकबर के कमरे में जाते हैं और पूरी तरह से छानबीन करते हैं और अब समझ में आ जाता है कि अकबर के जूते कहां पर गए होंगे अकबर के जूते मिल जाते हैं
बीरबल उन्हें दरबार में लेकर आते हैं और यह देखकर अकबर खुश हो जाते हैं कि उनके जूते मिल गए लेकिन यह कैसे हुआ कभी सेनापति को तो जूते नहीं मिल पाए थे अकबर को भी जूते नहीं मिल रहा था लेकिन बीरबल ने इन जूतों को कैसे खोज लिया यह बात समझ में नहीं आ रही थी तभी अकबर बीरबल से पूछते हैं कि तुम्हें मेरे जूते कैसे मिले हैं क्योंकि मुझे नहीं लगता है कि यहां पर कोई चोर आया होगा मेरे कमरे के बाहर पहरेदार हैं और वह किसी भी चोर को अंदर आने नहीं देंगे
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तभी बीरबल कहते हैं कि यहां पर कोई चोर नहीं आया था लेकिन यह सब कुछ एक बंदर ने किया था यह सुनकर अकबर सोच में पड़ जाते हैं कि यह बंदर कैसे मेरे कमरे में आया था तभी बीरबल समझाते हैं कि यह बंदर खिड़की के द्वारा आया था और आपके जूते लेकर चला गया और मैंने देखा कि आपके खिड़की के पास एक पेड़ है जिसके कारण वह बंदर आपकी खिड़की से अंदर आ गया था और वह जूते उस पेड़ पर रखकर चला गया तभी मेरी नजर खिड़की के बाहर गई थी तभी मैंने देख लिया था उसके बाद मुझे पूरी तरह से समझ में आ गया किसका काम हो सकता है
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Akbar and birbal stories in hindi, अकबर कहते हैं कि मुझे पता चल गया है कि तुम्हारा दिमाग बहुत तेज है क्योंकि यह बात मेरे दिमाग में बिल्कुल भी नहीं आई थी कि खिड़की के बाहर मुझे देखना चाहिए अगर अकबर भी खिड़की के बाहर अपने जूतों की खोज करते हैं तो उन्हें अपने जूते पेड़ पर ही नजर आते हैं लेकिन यह सब कुछ बीरबल ने बहुत आसानी से कर दिया था क्योंकि वह पूरी तरह से खोजबीन करते हैं और उस तरह से पता लगाते हैं जैसे कि कोई सोच भी नहीं सकता अकबर बीरबल पर बहुत खुश होते हैं और उसे इनाम देते हैं क्योंकि उसने उनके जूतों की खोज की थी अगर आपको यह कहानी पसंद है तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं
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