रात की घड़ी का डर भूत कहानी, bhoot kahani

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Bhoot kahani

Bhoot kahani, यह कहानी एक बहुत पुरानी घड़ी की है, जिसका डर सभी के अंदर है, जब वह पहली बार आये थे तो उन्हें पता नहीं था, मगर जब पता चला तो वहा पर रुकना ठीक नहीं था, यह कुछ दिन पहले ही शरू हुआ था, पहले तो ऐसा नहीं होता था, यह उस पुराने घर की कहानी है जिसको वह पूरी तरह से भूल चुके थे, इसका मुख्य कारण था उस जगह से दूर रहना, 

रात की घड़ी का डर भूत कहानी :- bhoot kahani

Bhoot kahani

जब वह घर भी छोड़ चुके थे तो घर की याद ही नहीं आती थी, but उनकी गर्मियों की छुट्टी जैसे पड़ी तो घूमने जाने की योजना बनाई थी but कोई जगह ध्यान में नहीं आ रही थी, तभी उन्हें ध्यान आया की हमारा पुराना घर भी तो है, हमे कही दूसरी जगह पर जाने की जरूरत नहीं है, इसलिए हमे अपनी गर्मियों की छुट्टी उसी घर में बितानी चाहिए,

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यही उनसे गलती होती है, यह बहुत सोचने की बात है जब घर बहुत समय से बंद पड़ा है तो वहा पर रहना आसान नहीं है but उन्हें कौन समझा सकता है, वह तो सिर्फ अपने घूमने की जगह तलाश कर रहे थे, तभी सबने यही कहा की हमे वही पर चलना होगा, इसलिए सभी लोग अगले दिन ही वहा पर चले गए थे, जब वह रात भर के सफर से वहा पर गए तो उस घर को देखते ही डर भी लगने लगा था, Because वह बहुत समय से बंद भी था, 

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उनके पुराने नौकर ने देखा की वह सभी आज आ गए है और रात भी बहुत है, तो वह उनके पास गया और कहने लगा की आप तो सुबह आने वाले थे रात को ही आ गए है, वह सभी बोले की हमने सोचा की रात को ही पहुंचा जाए जिससे सुबह को हम सभी उस जगह को देख ले क्योकि बच्चे तो पहली बार यहां पर आये है वह इस जगह के बारे में नहीं जानते है, तुम ऐसा करो की अंदर सफाई कर दो, जिससे हम सभी आराम से रह सके और कुछ खाने के लिए भी इंतज़ाम कर दो, उसके बड़ा वह घर खुला था

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अंदर से बहुत गन्दा हो गया था यहां पर रहना ही बहुत मुश्किल था but उनकी यह जगह अच्छी है जब घर यहां पर है तो कही और रुकने की बात ही क्यों, इसलिए सभी जगह पर सफाई करवा दी थी, उस घर में एक घड़ी थी, जोकि दिवार पर बहुत साल से थी शायद उनके दादा जी के जामने से वह घड़ी थी, but अजीब बात थी की आज भी वह चल रही थी, उस जामने की घड़ी कैसे चल सकती है यह बात भी हैरानी करनी की थी, but जब चल रही है तो क्या सोचना, 

 

कुछ देर बाद खाना भी आ गया था, सभी लोगो ने खाना खाया और सोचा की अब आराम कर लेना चाहिए सुबह होते ही बहार चलेंगे, सभी आराम करने चले गए थे, रात के जैसे ही एक बजते है घड़ी का घंटा बोलने लगता है तभी अचानक ही सभी उठ जाते है उन्हें इसका आभास भी नहीं था की घड़ी रात के एक बजे अपना घंटा बजाती है, पता नहीं यह घड़ी ऐसा क्यों कर रही है एक तो समझ में नहीं आता है की यह चल कैसे रही है, फिर वह सभी लोग सो जाते है. अगली सुबह उठते ही वह घड़ी को उतारकर देखते है की यह कैसे रात को एक बजे बजती है,

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but उन्हें कुछ भी नज़र नहीं आता है वह उसे फिर से दिवार पर लगा देते है, और घूमने चले जाते है, पुरे दिन भर वह बहार ही रहते है जब शाम होती है तो सभी लोग घर आते है, वह अब बहुत ज्यादा थक चुके थे इसलिए जल्दी ही सोने चले जाते है, आधी रात बीत चुकी थी तभी उनमे से एक लड़का पानी पीने उठा था वह यही सोच रहा था की अभी समय कितना हुआ होगा, समय देखने के लिए जैसे ही घड़ी की और देखा तो वहा पर घड़ी नहीं थी, but घड़ी वहा पर क्यों नहीं है,

 

उसने सभी जगह देखा था but घड़ी कही भी नहीं थी, वह कमरे में जाता है और बहन को जगाता है और कहता है की वहा पर घड़ी नहीं है, उसकी बहन कहती है की सो जाओ रात को घड़ी की क्या जरूरत है लड़के को भी लगता है शायद वह किसी ने उतारकर रख दी होगी, but रात के एक बजते ही वह घड़ी का घंटा फिर बोलने लगता है, वह लडक डर जाता है और सोचता है की घड़ी कहा पर है जब वह देखता है तो घड़ी दिवार पर ही होती है, वह कमरे में आ जाता है सुबह होती है  

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वह लड़का अपने माता और पिता से कहता है की में आपसे कुछ कहना चाहता हू,

दोनों पूछते है की क्या बात है, वह लड़का कहता है की जब में रात में उठा था

तो मेने समय देखने के लिए घड़ी की और देखा था but घड़ी वहा पर नहीं थी

कुछ देर बाद जब एक बजा था तो घड़ी का घंटा बोलने लगा था तब घड़ी वही पर थी,

ऐसा कैसे हो सकता है, माता-पिता कहता है की तुम्हे नींद के कारण ऐसा लगा होगा,

घड़ी के पैर नहीं है वह चल नहीं सकती है तुम्हे ज्यादा सोचना नहीं चाहिए,

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उनकी बात सुनकर लड़का भी शायद यही सोच रहा था की ऐसा हो सकता है

की मुझे नींद में ऐसा लगा होगा, but यह कोई सपना नहीं था

जब लड़के ने घड़ी की और देखा तो उसमे किसी का चेहरा नज़र आ रहा था,

वह चेहरा किसका है कोई भी तो पास में नहीं है. कुछ देर बाद वह चेहरा नहीं था

अब कोई सपना नहीं है यह घर ठीक नहीं है लड़का अपने पिता के पास जाता है

और कहता है की घड़ी में कोई है जो हमे देख रहा है पिताजी कहते है

की क्या बात कर रहे हो, घड़ी में कोई है, मगर कौन है

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लड़का कहता है की पता नहीं but उसमे कोई है, जो हमे देख रहा है, अब मुझे ऐसा लगता है की वह घड़ी चलती भी है, कोई भी उसकी बात पर यकीन नहीं कर रहा था, but जब रात हुई तो सभी को पता चल गया था उसके बाद कोई भी उस घर में नहीं रुका था, जब सभी सो रहे थे तभी घड़ी का घंटा बजा था जब सभी लोग उठ गए तो घड़ी वहा पर नहीं थी, जब उन्हें घडी नज़र नहीं आयी तो वह रात को ही वहा से चले गए थे वह घर फिर से बंद हो गया था अब वह अपर कोई भी नहीं जाता है, रात की घड़ी का डर भूत कहानी, bhoot kahani, अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी है तो आप शेयर कर सकते है और कमेंट करके हमे भी बता सकते है.

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जब हम जीवन में बिना सोचे यह काम करते है तो वह हमारे लिए एक समस्या बन सकता है. यह बात उस आदमी की है. जिसे रस्ते में एक घड़ी मिल गयी थी. वह उसे लेकर घर आ गया था. वह नहीं जानता था. वह घर में समस्या लेकर आ रहा है. हम सभी यही करते है जब हमे कुछ मिल जाता है. हम उसे लेकर आ जाते है. क्योकि हमे लगता है. यह तो हमे रस्ते में मिल गयी है.

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मगर वह किसकी है. यहां पर कैसे आयी है. बहुत अधिक सवाल हमारे मन में नहीं चलते है.

क्योकि हमे लगता है. अब यह हमारी हो गयी है. यही सोच हमे समस्या में डाल देती है.

यह घड़ी वह अपने घर लेकर आ गया था. रात का समय था. वह घड़ी तो ले आया था.

मगर सोच रहा था. इसका प्रयोग करना चाहिए. वह उस घड़ी को बांधकर ही सो जाता है.

शायद उसे अच्छी लग रही थी. रात को वह एक सपना देखता है.

उसके सामने भूत आ गया है. वह बहुत डर रहा था.

उसे सपने में वह भूत कहता है. यह घड़ी मेरी है.

कुछ समय बाद वह नींद से जागता है. उसे अब समझ आता है.

यह एक सपना था. इसलिए वह सोचता है मुझे डरने की जरूरत नहीं है.

इसलिए वह समय को देखता है. समय रात बारह का हो रहा था.

वह सो जाता है. उसके बाद वह फिर से सपना देखता है.

वही सपना उसे फिर आता है. वह फिर डर जाता है. अब उसकी नींद खुल जाती है.

समय देखता है. अभी फिर वही समय हो रहा था. रात के 12:00 बजे थे.

कुछ बात समझ नहीं आती है. वह सोता भी है.

समय आगे क्यों नहीं बढ़ता है. जबकि घड़ी चल रही थी.

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bhoot kahani, उसे लगता है. यह घड़ी सही काम नहीं कर रही है. वह दिवार घड़ी को देखता है. उसमे भी वही समय हो रहा था. दिवार घड़ी चल रही थी. वह उसे ही देख रहा था. मगर समय आगे नहीं बढ़ रहा था. अब कुछ गलत हो रहा है. वह रात में ही उस घड़ी को लेकर जाता है. उस जगह पर गिरा देता है. जैसे ही घड़ी गिराता है. वह घड़ी अपने आप ही जमीन के अंदर चली जाती है. वह घर आता है. देखता है. अभी रात के 2 बजे है. अब सही समय हो रहा है. अब उसे यह बात भी समझ आयी थी. हमे रास्ते में पड़ी कोई भी वस्तु बिना सोचे नहीं लानी चाहिए.

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Bhoot की घड़ी ने काम करना शुरू कर दिया था, यह अपनी आवाज से सभी को डरा भी रही थी जब भी कोई उस घर के सामने से जाता था तो उसे यह आवाज डराया करती थी सभी लोगो को यही लगता था की यह bhoot की घड़ी है जो सभी के लिए अच्छी नहीं है हमे इसकी आवाज से बहुत डर लगता है, इस घड़ी को देखने कोई नहीं जाता है ऐसा बताया जाता है की यह घड़ी बहुत साल से चल रही है इसकी आवाज अधिक नहीं है but घर के पास इससे आवाज आती है

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यही कारण हो सकता है की भूत की घड़ी कहा जाता है but सच क्या है कोई नहीं जानता है एक दिन दो लड़के जोकि उसी घर के सामने जा रहे थे घड़ी की आवाज सुनकर रुक जाते है, यह आवाज तो बहुत डरावनी लगती है but जब कोई भी इस घर में नहीं है तो यह घड़ी कैसे चल रही है यही देखने वह दोनों जाते है अंदर वह पहुंच चुके थे but अंदर से यह घर बहुत ही डरावना लग रहा था यहां पर कोई नहीं आया था यह घर बहुत समय से बंद था

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Bhoot kahani, दोनों की नज़र उस घड़ी पर जाती है जिसे भूत की घड़ी कहते है जब घडी को देखा तो देखते ही रह गए थे अब उस जगह पर रुकना ठीक नहीं था वह बाहर आ गए थे यह घड़ी क्यों चल रही थी बहुत साल से घर भी बंद था आज उन्हें पता चल गया था Because उस घड़ी के ऊपर एक परछाई नज़र आयी थी वही उस घड़ी को चला रही थी और उस घर का डर आज भी था उस जगह पर bhoot है उन्हें पता चल गया था

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