Bhuto ki kahaniya | Bhoot ki kahani
भूत की सच्ची कहानी :- Bhuto ki kahaniya, भूत होते हैं या नहीं इस बात का पता तभी चलता है जब इंसान को इस बात का आभास होता है कि उसके साथ कोई ऐसा है जो दिखाई नहीं देता है क्योंकि जब यह बात पता चलती है कि तुम्हारे साथ ऐसा कोई आदमी भी रहता है जो दिखाई नहीं देता है तो इससे ज्यादा डर कभी नहीं लगता.
भूत की 3 सच्ची हिंदी कहानी:- bhuto ki kahaniya
यह कहानी (bhoot ki kahani) एक गांव में रहने वाले लड़के की है जिसकी उम्र कुछ ज्यादा तो नहीं थी लेकिन हमेशा यही कहता था कि उसके साथ कोई है लेकिन कोई भी इस बात को मानने को तैयार नहीं होता था जब तक कोई इंसान किसी के बारे में जानना चाहता है तो वह यह सोचता है कि वह इंसान कहां है जब कोई दिखाई नहीं देता तो उसके बारे में बात क्या की जाए.
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वह लड़का हमेशा कहता था कि मेरे साथ कोई ऐसा है जो चलता है और मुझे कभी-कभी वह डराता भी है सभी गांव वाले उसकी बात को नकार देते थे और कहते थे यह शायद पागलों जैसी बातें करता है इसकी बात पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है एक दिन सभी गांव वाले अपने अपने खेत में काम कर रहे थे तभी वह लड़का आया और उनके पास कहने लगा कि आज वह मुझे मार रहा है और बहुत ज्यादा गुस्से में है
उसी वक्त गांव वालों ने कहा कि तुम्हें घर चले जाना चाहिए और आराम करना चाहिए और यह बेकार की बातें करना बंद कर दो तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि हमें यह बात अच्छी नहीं लगती है जब कोई इंसान दिखाई नहीं देता है तो उसके बारे में हम क्या बात करें और जो भूत की बातें करते हो वह भूत है हमें तो उसका एहसास भी नहीं होता है तुम्हें एहसास होता है ऐसा कैसे हो सकता है लेकिन उस लड़के की शक्ल को देखकर लग रहा था कि आज वह बहुत डरा हुआ है
जब उस लड़के ने अपनी पीठ पर निशान दिखाए तो ऐसा लगता था कि उसे पीटा गया है लेकिन कोई भी गांव वाले इस बात को मानने को तैयार नहीं था क्योंकि वह एक ही बात कहता था कि उसके साथ कोई है जो दिखाई नहीं देता और उससे बातें करता है तभी उस लड़के को एक अचानक ही धक्का लगा और वह गिर गया एक किसान ने उसे उठाया और कहा कि तुम्हें ठीक से खड़ा भी नहीं हो या जा रहा है इसलिए तुम ऐसा करो आराम कर लो हो सकता तुम्हारी तबीयत खराब हो
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कुछ देर बाद जब वह लड़का अपने पैरों पर से थोड़ा सा ऊंचाई पर उठा तो सभी उसकी ओर देखने लगे क्योंकि वह ऐसा लग रहा था जैसे कि उड़ रहा है जब सभी लोगों ने यह देखा तो सब वहां से भागने की तैयारी करने लगे कोई भी आदमी उसके पास रुकने को तैयार नहीं था जब यह बात गांव में पता चली तो उन्हें विश्वास हुआ कि शायद उसके साथ कोई रहता है इसीलिए यह सब को कहता रहता है कि मेरे साथ कोई है
गांव वालों ने मिलकर उससे बात की और कहा कि हम तुम्हारे लिए जरूर कुछ करेंगे तब उन्होंने एक प्रसिद्ध बाबा को बुलाया ऐसा माना जाता था उस समय में कि बाबा हर एक समस्याओं का समाधान कर सकते हैं बाबा आए और उन्होंने उस लड़के को देखा और पता नहीं ऐसा क्या किया कि उसके बाद से उस लड़के के साथ कुछ भी ऐसा बुरा नहीं हुआ जो वह कहता था इससे हमें पता चलता है कि जब किसी के साथ कुछ होता है
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भूत की कहानी, (bhuto ki kahaniya) तभी हम यकीन करते हैं वरना हम यकीन नहीं करते हैं क्योंकि यह बात भी सच है जब कोई दिखाई नहीं देता तो हम इस बारे में बात भी क्या करें इसलिए अगर आपको लगता है कि कोई ऐसा कह रहा है तो उसकी बातों पर थोड़ा बहुत गौर कर लेना चाहिए, हो सकता है कि वह सच बोल रहा हो यह कहानी भूत की सच्ची घटना , (bhoot pret ki kahaniya), (horror story in hindi), पर है बहुत से लोगों को विश्वास हो या ना हो लेकिन जिसके साथ घटित होता है वही समझ सकता है. कुछ बातो पर यकीन करना मुश्किल होता है मगर जब तक हमे सच का पता नहीं चलता है तब तक हम यकीन नहीं करते है,
गांव का भूत हिंदी कहानी : Bhuto ki kahaniya
मेने तो यह सुना था की उस गांव में भूत (bhoot) है जो सभी को परेशान कर रहा है ऐसा सुनकर तो पास के गांव वाले भी आ गए थे क्योकि कोई भूत (bhoot) कैसे परेशान कर सकता है जब दूसरे गांव के आदमी वहा पर आते है तो पूरी बता पूछते है सभी गवा वाले यही कहता है की वह जो रास्ता है जिससे सभी लोग आते है उस जगह पर ऐसा होता है
वह भूत आवाज लगाता है जिसकी आवाज से ही सभी लोग डर जाते है मुझे भी पहले यह बात नहीं पता था की एक दिन की बात है यह कोई रात के दस बजे होंगे में अपने गेहू बेचकर आ रहा था वह पर अचानक ही मुझे एक आवज आती है वह आवाज तो में नहीं पहचानता मगर उसने मेरा नाम लिया था नाम लेकर उसने मुझे रुकने के लिए कहा उस दिन तो में बहुत डर गया था
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उसी वक़्त वहा से भागने में ही भलाई थी वही मेने किया था यह बात सभी को बताई थी, जब सभी को बताया तो कोई भी यकीन नहीं कर रहा था मगर कुछ दिन पहले की बता है जब हमारे गांव का आदमी आ रहा था तभी उसके साथ कुछ ऐसा हुआ था, यह बात शाम की थी उसे बहुत प्यास लग रही थी जब उसने पानी पीने के लिए उस जगह पर रुका था तो पानी का नल अपने आप चल रहा था यह देखकर बहुत डर गया था
सभी को अब लगने लग था की यहां पर हमेशा यही खतरा है और कुछ भी नहीं किया जा सकता है जो भी उस जगह से जाता है तो उसके सामने परेशानी आती है इसलिए सभी ने मिलकर उस जगह को बंद कर दिया था अब कोई भी उस रास्ते से नहीं जाता था वह रास्ता अब बंद हो गया था कुछ परेशानी को हम दूर नहीं कर सकते है मगर उससे दूर हो सकते है अगर आपको लगता है की आपने भी ऐसा कुछ देखा है तो हमे जरूर बताये, भूत की कहानी, (bhoot ki kahani) (bhoot pret ki kahaniya), (horror story in hindi) अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है आगे भी शेयर कर सकते है.
जंगल में भूत की परछाई हिंदी कहानी :- Bhuto ki kahaniya
वैसे जंगल में भूत हो सकते है लेकिन इस बात पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है.
लेकिन हम यहां पर एक ऐसी कहानी लेकर आये है, जिससे यह पता चलता है की
जंगल में भूत हो सकते है. मुकेश की यह कहानी हमे बताती है. की जंगल में भूत हो सकते है
मुकेश अपने गांव में आ रहा था. वह बस का सफर कर रहा था.
लेकिन बस खराब होने की वजह से वह रास्ते में ही उतर गया था.
अब क्या करे भूत कहानी
जबकि बस वाले ने कहा था की बस को ठीक होने में समय जरूर लगेगा
लेकिन बस ठीक हो सकती है मुकेश को कुछ जल्दी थी
इसलिए वह सोचता है की यह बस पता नहीं कब ठीक होगी. इसलिए वह उस जंगल वाले रस्ते को लेता है.
जोकि उसके गांव से लगभग 5 किलोमीटर की दुरी पर था.
वह उसे रास्ते पर चलता है यह शाम का समय था.
गर्मी बहुत अधिक पड़ रही थी. वह उस जंगल वाले रस्ते से चलने लगता है.
अभी वह 3 किलोमीटर जा चुका था कोई समस्या नहीं थी.
कुछ देर बाद उसे ऐसा लगता है की कोई उसे देख रहा था,
वह थोड़ा डर जाता है मगर कोई भी उसे नहीं देखता है जैसा की
हम सभी जानते है की कभी कभी हमे लगता है की कोई हमारे पीछे है
क्योकि कुछ आभास होने लगता है. मुकेश आगे बढ़ने लगता है
कुछ समय बाद उसे पेड़ पर कोई नज़र आता है वह देखता है की यह कौन है
हम उसे बहुत डर लगता है क्योकि उसके पास पेड़ की पत्ती नज़र आती है.
मुकेश को पहली बार बहुत डर लग रहा था.
आज भी इंतज़ार कर रहा है
वह सोचता है जो भी है आज वह उसे नहीं छोड़ने वाला है क्योकि यहां पर कोई नहीं है यह कोई भूत हो सकता है वह चलने लगता है क्योकि अब यहां पर रुकना कुछ ठीक नहीं है. मुकेश आगे बढ़ रहा था मगर वह उस परछाई को हर पेड़ पर देख सकता था मानो वह उसे देख रही हो. मुकेश का डर उसे आगे बढ़ने नहीं दे रहा था. वह सोचता है की अब मुझे यहां से भगाना चाहिए. वह तेजी से भगाता है. लेकिन कुछ दुरी पर जाकर गिर जाता है ऐसा लगता है की किसी ने उसका पैर पकड़ लिया था
यहां पर कोई भूत नहीं है कहानी
Bhuto ki kahaniya, horror story in hindi, bhoot ki kahani, मुकेश उठ जाता है फिर से भागने लगता है अब वह अपने गांव को देख सकता है वह अपने गांव में आ गया था अब वह पीछे देखता है वह परछाई उसे देख रही थी वह भूत ही होगा लेकिन अब वह उस गांव में नहीं आती है मुकेश अपने घर चला जाता है यह भूत की कहानी एक बात सीखा देती है की कभी उस रास्ते से जाना नहीं चाहिए जिसकी जानकारी हमे नहीं होती है.
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