Dayalu Aadmi ki hindi kahaniya
दयालु आदमी की हिंदी कहानियां (hindi kahaniya) में आपको ऐसे इंसान के बारे में पता चलता है जो हर किसी के बारे में अच्छा ही सोचता है, और उसमे दुसरो को भी अच्छा बनाने की क़ाबलियत भी होती है यह कहानी आपको पसंद आएगी,
दयालु आदमी की हिंदी कहानियां : hindi kahaniya
राजा की कैद खाने से अचानक एक चोर भाग निकला और राजा ने उस चोर को पकड़ने के लिए आदेश दिया सेनापति अपने साथ कुछ सिपाहियों को लेकर उस चोर को पकड़ने के लिए निकल गए लेकिन उन्हें चोर कहीं भी नजर नहीं आ रहा था चोर भागता हुआ एक गांव में गया उस गांव में उसने एक घर को खुला हुआ पाया वह उस घर में जाने की कोशिश कर रहा था
तभी घर से एक आदमी बाहर निकला और पूछने लगा कि आप यहां क्या कर रहे हैं चोर ने कहा कि मैं बहुत दूर से सफर कर के आया हूं लेकिन मैं अभी उस मंजिल तक नहीं पहुंच पाया हूं जिसके कारण मुझे काफी देर हो गई अगर आप मुझे यहां पर ठहरने की इजाजत दे देते हैं तो बहुत बड़ी मेहरबानी होगी उस आदमी ने कहा कि यह तो मेरा सौभाग्य है कि आप मेरे घर पर आए हैं मैं आपके खाने की व्यवस्था करता हूं आप आराम कर लीजिए
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और आज आप हमारे साथ ही रहेंगे चोर को सुनकर बहुत अच्छा लगा और वह उस घर में चला गया चोर की बहुत खातिरदारी हुई और वह आदमी उसके लिए सभी तरह के प्रबंध कर रहा था उसके खाने की व्यवस्था बहुत अच्छी तरह से उसने की थी और अब सोने की व्यवस्था भी कर रहा था जब चोर ने देखा कि वह आदमी सो गया है तो उसके मन में यह विचार आया है कि यहां से कुछ ना कुछ चुराकर जरूर लेकर जाऊंगा
तभी मेरे लिए कुछ फायदा होगा और उसे बेचकर मैं अपने लिए कुछ सामान भी खरीद लूंगा चोर ने कुछ चांदी के बर्तन चुरा लिया जो कि उस आदमी ने सामने ही रखे हुए थे और जब सुबह हुई तो वह आदमी से कहने लगा कि मुझे चलना चाहिए आपने मुझे रात को यहां पर ठहराया इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद तो आदमी ने कहा कि इसमें धन्यवाद करने की कोई जरूरत नहीं आप मेरे मेहमान हैं और मेहमान का स्वागत किया ही जाता है जैसे ही वह चोर बाहर निकला तो सेनापति ने अपने सैनिकों द्वारा उसे पकड़ लिया और उसे ले जाने लगे
तभी वह आदमी सामने से आता हुआ दिखाई दे रहा था तभी उस आदमी ने पूछा कि आप इसे कहां ले जा रहे हैं सेनापति ने सारी बात उस आदमी को बताई सेनापति को कुछ आभास हुआ कि उसके पास कुछ है उसने उसकी तलाशी ली तो उसने उसे चांदी के कुछ बर्तन दिखाई दिए सेनापति ने कहा कि यह तुमने कहा से चुराया होंगे तब उस आदमी ने कहा कि इसने चोरी नहीं किया
यह बर्तन तो मैंने ही दिए थे इस तरह चोर ने जब यह बात सुनी तो उसका मन अंदर से बहुत दुखी हुआ और वह सोचने लगा कि मैंने चोरी की है इस आदमी ने मेरे लिए अपने मन में यह विचार बना रखा है इसलिए उस आदमी ने कभी भी चोरी ना करने का वादा किया इस तरह किसी के आचरण का कितना अच्छा प्रभाव पड़ता है कि एक चोर भी अपने जीवन में सुधर गया था.
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