Ek parivar ki kahani | Hindi story
परिवार की कहानी, एक परिवार (ek parivar ki kahani) में उसका लड़का और पिता दो ही लोग रहते थे, पिता अपने पुत्र की हर बात मानता था, क्योकि उसके परिवार में और कोई भी नहीं था, लड़के की शादी हुई थी, but अब उसकी पत्नी नहीं रही थी, उसकी पत्नी बीमारी के कारण ज्यादा समय तक जिन्दा नहीं रह पायी थी, उसके लड़के को कोई भी संतान नहीं थी,
गरीब परिवार की कहानी : ek parivar ki kahani
ek parivar ki kahani, इसलिए अब दो ही लोग घर में थे,उसके पिता फलो का ठेला लगाते थे, हर रोज फल बेचने चले जाते थे, लड़का भी दूसरी place पर work करता था, दोनों ही लोग कुछ-न-कुछ कमाते थे जिससे उनका घर चलता था, हर रोज उसके पिता यही सोचा करते थे की हमारे घर में कोई भी नहीं है में और मेरा लड़का ही रहते है, कोई छोटा बालक भी नहीं है और घर में अकेलापन ऐसा लगता है की मानो अभी ही खाने को दौड़ने लगेगा,
जीवन की अच्छी बातें कहानी
ऐसा सोचते हुए एक दिन उसके पिता भी बीमार हो गए थे, लड़का अब बहुत परेशान रहने लगा था, अब father भी बीमार हो गए है, उनकी सेवा करने में ही लड़के का सारा दिन बीत जाता था, अब boy अपने काम पर भी नहीं जाता था, जिससे धीरे-धीरे उनका जमा हुआ money भी खत्म होने लगा था, जब भी लड़का अपने पिता से कहता था की में कुछ देर के लिए काम पर चला जायू तो पिताजी मना कर देते थे,
उसके father अब बहुत ज्यादा बीमार हो गए थे, अब उनसे खड़ा भी होने में बहुत तकलीफ होती थी, वह अपने पिताजी की बीमारी से बहुत परेशान हो रहा था, क्योकि साड़ी responsibility उसी पर आ गयी थी, वह अपने work को लेकर भी परेशान था, वह जनता था की अगर वह work नहीं करेगा तो जो भी अब थोड़ा सा बचा हुआ है वो भी नहीं रहेगा, लेकिन वह कर भी क्या सकता था,
बुराई से दूरी अच्छी कहानी
अगली सुबह वह मंदिर गया और अपने father की तबियत अच्छी हो जाए ऐसी प्राथना वह god से करने लगा, प्राथना करते हुए उसकी आँखों में आंसू थे, Because उसके साथ रहने वाला सिर्फ उसके father थे और कोई भी नहीं था, भगवान् से की गयी सच्चे मन से प्राथना कभी खली नहीं जाती है, जब वह home गया तो उसके पिता जी खड़े हो कर धीरे-धीरे चल रहे थे, उन्हें खड़ा हुआ देखकर उसका boy बहुत खुश हो गया था,
परिवार की कहानी, ek parivar ki kahani, Hindi story, लड़के ने अपने पिताजी को बताया की यह सब कोई चमत्कार से कम नहीं है, god ने हमारी सुन ली थी, और कुछ दिन बाद उसके father ठीक हो गए थे, और दोनों लोग फिर से अपनी life में व्यस्त हो गए थे, यह बात भी सच है की जब आप ठीक होते है तो सब कुछ अच्छा लगता है but बीमार होने पर मन उदास ही रहता है, इसलिए life में हमेशा खुश रहे चाहे आप कितने भी उदास क्यों न हो, हमेशा मुस्कुराये.
बाबा की मदद हिंदी कहानी :- Ek parivar ki kahani
एक परिवार जब भी यह सोचता था. उसके घर से कोई भी भूखा वापिस नहीं जाना चाहिए. उसे यही लगता था. हम जिसकी भी मदद करे. उसक भला होना चाहिए. क्योकि वह परिवार सभी की मदद करता था. एक दिन उनके यहां पर एक बाबा आते है. उन्हें भूख लगी थी. उनकी हालत बहुत अच्छी नहीं थी. उन्हें बहुत चोट आयी थी. क्योकि जब वह सड़क पार कर रहे थे. वह गिर गए थे.
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उस परिवार का घर पास में था. वह उनके घर आते है. उन्हें देखकर वह परिवार बहुत डर गया था. क्योकि उन्हें बहुत चोट आयी थी. वह उसकी सेवा करते है. जिसे वह जानते भी नहीं थे. वह बाबा उन्हें देखता है जब उन्हें आराम मिलता है. वह अपने घर जाना चाहते थे. लेकिन उनका घर कही भी नहीं था. वह अकेले ही रहते थे. उनके जीवन में समस्या बहुत बढ़ गयी थी. उनकी कहानी सुनकर वह परिवार सोच में पड़ जाता है. क्योकि वह समझ गए थे. इस दुनिया में समस्या बहुत है.
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ek parivar ki kahani, मगर वह उनकी मदद करना चाहते थे. मगर बाबा मना कर देते है. उन्हें पता है. जो उन्होंने किया है. शायद वह कोई भी नहीं करता है. इसलिए वह कुछ समय बाद चले जाते है. शायद वह बहुत दुखी थे. क्योकि उनके जीवनमे बहुत दुःख थे. मगर उन दुःख के साथ ही जीवन को जीना पड़ता है. हम सभी के जीवन में बहुत दुःख है. मगर हमे दूसरे के दुःख को कम करना चाहिए शायद इससे हमारे दुःख कम हो सकते है.
परिवार की मदद हिंदी कहानी, ek parivar ki kahani
ek parivar ki kahani, Hindi story, वह लड़की अभी छोटी थी, वह अपनी परिवार को रोज देखती थी, वह यही सोचती थी, की अगर मेने मदद नहीं की तो मेरा परिवार भूखा रहा सकता है, इसलिए सुबह जल्दी उठ जाती थी, उसके बाद वह जंगल से तरह तरह के फूल लाया करती थी उन सभी फूलो से माला बनाया करती थी, उन सभी माला को मंदिर ले जाती थी, वह सभी को माला बहुत ही सस्ती देती थी,
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जिससे किसी को यह न लगे की वह महंगे फूल बेच रही है, वह छोटी लड़की यही सोचा करती थी, की किसी तरह उसका परिवार भूखा न रहे, कुछ समय बाद वह घर आते है उसके माता पिता कहते है की तुम्हे यह सब करने की जरूरत नहीं है वह छोटी लड़की कहती है की में हर रोज देखती हु, की आप काम करते है but हमे खाना बहुत मुश्किल से मिलता है Because हमे उतना धन नहीं मिलता है जिससे हम अच्छा खाना खा सके, यह सुनकर उन्हें दुःख होता है, but वह क्या कर सकते है,
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ek parivar ki kahani, Hindi story, वह सच कह रही है, वह अपने परिवार के साथ काम कर रही थी, वह हर रोज भगवान के लिए फूल ले जाता करती थी, शायद भगवान को उसके फूल बहुत पसंद आते थे, इसलिए भगवान भी यही चाहते थे की वह छोटी लड़की हर रोज मंदिर आये, हमे जैसा लगता है वैसा होता नहीं है, इस जीवन में बहुत कुछ बदल सकता है हमे सोचना चाहिए, की जीवन में सभी की समस्या को हम कम कर सके,
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