hindi kahani
ऐसा क्यों हुआ हिंदी कहानी, (hindi kahani), यह कहानी तीन भाईयों की है, वह एक साथ रहते थे, वह सभी भाई अपनी खेती करते थे बड़े भाई को दोनों भाई बहुत मानते थे, लेकिन छोटे भाई का मन खेती में नहीं लगता था वह हमेशा भगवान् के गीत गया करता था, जबकि वह दोनों भाई खेती करते थे बड़ा भाई छोटे को बहुत मानता था, क्योकि छोटा भाई हमेशा भगवान् का गुणगान करता था, वह जब भी कोई त्यौहार होता था उसमे गाने का मौका उसे ही मिलता था,
ऐसा क्यों हुआ हिंदी कहानी : Hindi Kahani
बड़े भाई के पास दूसरा भाई आया और बोला की छोटा कुछ भी नहीं करता है उसे कोई काम तो करना चाहिए, ऐसे कब तक चलेगा बड़ा भाई बोला की वह धीरे धीरे सीख जाएगा, हमे चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन वह भाई जानता था की बड़े भाई उससे कभी नहीं बोलेंगे, इसलिए वह वहा से चला गया था, छोटे भाई की अभी शादी नहीं हुई थी, लेकिन बड़ा भाई उसकी शादी के लिए सोच रहा था तभी उन्हें एक अच्छा रिश्ता मिल गया था,
शादी का दिन भी तय हो गया था, छोटा भाई अपने बड़े भाई की बात को कभी नहीं टालता था, इसलिए शादी भी आराम से हो गयी थी अब दूसरा भाई बोला की अब शादी हो चुकी है अब उसे अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए हम कब तक ऐसा करेंगे, बड़े भाई ने कहा की अभी उसकी शादी हुई है तुम्हे अभी कोई भी बात नहीं करनी है, वह अपने आप समझ जाएगा, ऐसा सुनकर फिर से वह वापिस चला जाता है,
लेकिन छोटा भाई उसी काम में लगा हुआ था उसका मन तो भक्ति भाव में लगा रहता था इसलिए वह खेती को पसंद नहीं करता था, बड़े भाई ने बुलाया और छोटा भाई आ गया था बड़े भाई ने कहा की तुम्हे अब काम पर भी ध्यान देना चाहिए तभी छोटा भाई बोला की मुझे काम करने की क्या जरूरत है आप सभी लोग मेरा ध्यान रखते है और मेरा मन तो भगवान् की पूजा में ही लगा रहता था,
आप जो भी हमे खाने को देंगे हम खा लेंगे उसमे चाहे आप हमे रुखा सूखा ही क्यों न दे हम कभी कोई शिकायत नहीं करेंगे, बड़े भाई ने जब यह बात सुनी तो उनकी आँखों में आंसू आ गए थे क्योकि वह जानते थे की छोटा भाई भगवान् को बहुत मानता है और उसका मन हमेशा पूजा में लगा रहता है इसलिए वह कोई भी काम नहीं करता है बड़े ने कहा की तुम्हे चिंता करने की जरूरत नहीं है तुम्हारा मन जो करेगा वही करो,
जब यह बात छोटे से हो रही थी तब उसके भाई ने यह बात सुन ली थी, यह सुनकर उसको बहुत गुस्सा आ रहा था, वह नहीं चाहता था की छोटा बिना काम किये ऐसे ही खाता रहे, बड़े की पत्नी नहीं थी इसलिए बड़े की कहानी की जिम्मेदारी भी दूसरे भाई पर थी अब छोटे की भी पत्नी काम में हाथ बढ़ाने लगी थी, लेकिन दूसरे भाई की पत्नी छोटे की पत्नी को पसंद नहीं करती थी, क्योकि छोटा कोई भी काम नहीं करता था
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एक दिन बड़ा भाई अपनी खेती की और जा रहा था, तभी कल रत हुई बारिश ने चारो और पानी ही पानी कर दिया था, तभी बड़े भाई का पैर फिसल गया था जिसके कारण में वह एक बहुत बड़े गढे में जा गिरा था, जब लोगो ने देखा तो उसे बचाने के लिए वही पर आ गए थे, जब बड़े भाई को बचाया गया तो वह अपना एक पैर खो चुके थे क्योकि जब वह गिरे थे तभी एक पत्थर भी उनके पैर पर गिर गया था,
अब उन्हें एक पैर के सहारे ही जीना पड़ेगा, जब यह बात छोटे को पता चली तो उन्हें बहुत दुःख हुआ था, बड़े भाई ने कहा की में तुम्हे पहले से ही कहता आ रहा था की तुम्हे काम को सीख लेना चाहिए अब में भी घर पर ही बैठ गया हु, उसके बाद जब दूसरा भाई आया तो उसने देखा की बड़े के पैर में काफी चोट आयी है और वह अब चलने में भी परेशान होने लगेंगे, उसी दिन से उस भाई ने यह कह दिया की इसे अपनी खेती कर लेनी चाहिए या यहां से चले जाना चाहिए,
जब यह बात बड़े ने सुनी तो उन्हें अच्छा नहीं लगा था क्योकि यह घर तो सभी का है तुम्हे यह बात नहीं कहनी चाहिए तभी वह भाई बोला की जो काम नहीं करता है उसे यहां पर रहने की क्या जरूरत है जिसे मुफ्त में खाना खाना है वह कोई और जगह देख ले अपनी भाई की बात सुनकर छोटा भाई बहुत दुखी था क्योकि वह नहीं जानता था की उसका भाई उसके बारे में ऐसा सोचता है,
उस भाई ने बड़े भाई को भी यह कह दियता था अगर आपको भी सही ढंग से रहना है तो आप यहां पर रह सकते है अगर आप ऐसे नहीं रहना चाहते तो आप यहां से जा सकते है, यह किसी घड़ी आ गयी थी की बड़े को भी यह सुनने को मिल गया था और यह सुनते ही छोटा और बड़ा भाई वहा से चले गए थे, वह दोनों परेशान होकर उस गांव को छोड़कर चले जा रहे थे, कुछ रास्ता ही अभी बीता था की उनके सामने एक मंदिर नज़र आया था, यह मंदिर उस गांव से काफी दूर था,
इस मंदिर के बारे में वह नहीं जानते थे इस मंदिर के पास एक झोपडी बनी हुई थी, इस मंदिर की कुछ दुरी पर एक छोटा सा गांव था उस गांव के बारे में वह नहीं जानते थे, कुछ देर तक मंदिर में आराम करने लग गए थे वह मंदिर लगत था की बहुत साल से बंद पड़ा है छोटे भाई की पत्नी ने मंदिर को साफ़ किया और मंदिर के पास में लगी झोपडी को भी साफ़-सुथरा कर दिया था,
उन्होंने ने पास में एक खेत से कुछ खाने के लिए फल ले आये थे उन्हें खाकर वह थोड़ा आराम कर रहे थे तभी उस मंदिर के पास से एक आदमी गुजर रहा था उसने वहा पर जब उन्हें देखा तो उनके पास आ गया था वह आदमी पूछने लगा की आप यहां पर क्या कर रहे है तभी उन्होंने ने कहा की हमे रहने के लिए एक स्थान चाहिए जिससे हम अपना जीवन बिता सके, उसके बाद बड़े भाई ने पूरी बात उन्हें बता दी थी,
उस आदमी ने कहा की आप हमारे साथ में चलिए लेकिन उन्होंने ने मना कर दिया था, उसके बाद वह आदमी बोला की यह मंदिर तो बहुत साल से बंद है और यहां पर कोई नहीं आता है यह गांव से थोड़ा दूर है इसलिए यहां पर कोई नहीं आता है अगर आप यहां पर रुकना चाहते है तो आप यहां रुक सकते है फिर उसके बाद वह सभी वही पर रुक गए थे, उन्हें देखकर कुछ आदमी उनके लिए कुछ न कुछ लेकर आया करते थे,
मंदिर में सुबह और शाम हर रोज भजन होते थे, वह भजन सुनकर हर रोज आदमी वही पर ठहर जाते थे, उनके खाने की भी चिंता अब नहीं थी, उन्हें सब कुछ भगवान् की वजह से मिल रहा था, उधर दूसरे भाई की फसल इस साल खराब हो गयी थी, जिसके कारण वह बहुत परेशान था क्योकि अब उसके खाने की समस्या बढ़ने वाली थी, समय बीतता चला गया था दूसरे भाई की तबियत अब खराब होने लगी थी अब उसे अपनी गलती पर पछतावा हो रहा था , वह अपने भाई को ढूढ़ने निकला पड़ा था आखिर एक हफ्ते ढूढ़ने के बाद उसे पता चल गया था की उसका भाई कहा है,
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उसने भाई से माफ़ी मांगी और घर चलने को कहा था बड़े भाई का मन बहुत बड़ा था उसने उसे माफ़ कर दिया था और जीवन में कभी ऐसी कोई भी गलती नहीं करनी है बड़े भाई ने जाने से तो मना कर दिया था क्योकि उन्हें वह जीवन बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन वह कभी-कभी अपने भाई से मिलने जरूर आते थे, जीवन में हमेशा सोचकर ही फैसला ले क्योकि आपका फैसला बहुत कुछ बदल देता है,
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