Hindi ki kahaniya
Hindi ki kahaniya, एक गांव में एक बहुत ही गरीब आदमी रहता था वह यह सोचता था कि अगर मुझे पारस पत्थर मिल जाए तो मैं अमीर हो जाऊंगा लेकिन उस आदमी ने तो बचपन से ही पारस पत्थर के कहानियां ही सुनी थी उसने कभी ना तो देखा था और ना ही उसे कभी मिला था
पारस पत्थर की हिंदी कहानी :- Hindi ki kahaniya
एक दिन वह घूमता हुआ पहाड़ी पर गया उसे पता था कि वहां पर एक साधु बाबा रहते हैं जो सबकी समस्या हल कर सकते हैं वह गरीब आदमी बहुत मुश्किलों से पहाड़ी पर चढ़ा और ऊपर एक साधु बाबा अपनी तपस्या कर रहे थे उनको तपस्या करते देख वह गरीब आदमी वहीं पर बैठ गया और सोचने लगा कि जब बाबा जी उठेंगे तब ही उनसे बात करूंगा
अपनी आंखें खोलें :-
साधु बाबा तो अपनी तपस्या में लीन थे और उन्हें यह भी बिल्कुल मालूम नहीं था कि उनके सामने कोई आकर बैठा है यह आदमी सोचता रहा कि साधु बाबा कब अपनी आंखें खोलें और मैं उनसे पारस पत्थर की जानकारी ले पाऊं जब 2 दिन बीत गए थे तो बाबाजी ने आंखें खोली और उन्होंने देखा कि एक आदमी बाहर बैठा हुआ है
साधु बाबा आदमी के पास गए और कहने लगे कि तुम कौन हो और यहां पर क्या कर रहे हो उस गरीब आदमी ने बताया कि मुझे यह जानना है कि पारस पत्थर कहां पर है उस आदमी का यह प्रश्न सुनकर साधु बाबा सोच में पड़ गए और सोचने लगे कि इसे क्यों चाहिए तभी साधु महाराज जी ने कहा कि तुम्हें में पत्थर क्यों चाहिए गरीब आदमी बोला कि मैं बहुत गरीब हूं मुझे अपनी गरीबी दूर करनी है
पारस पत्थर की जरूरत :-
तभी साधु महाराज जी उस आदमी के पास गए और उसके दोनों हाथों को पकड़ा और कहा कि यही तुम्हारे पारस पत्थर हैं जब तुम मेहनत करोगे तो तुम्हारी गरीबी भी दूर हो जाएगी तुम्हें किसी पारस पत्थर की जरूरत नहीं है तुम्हारे हाथ ही पारस पत्थर हैं
hindi ki kahaniya, क्योंकि जब आदमी किसी काम में अपना हाथ डालता है और उसमें पूरी मेहनत करता है तो वह एक दिन जरुर कामयाब होता है वह गरीब आदमी साधु बाबा की बात समझ गया और घर वापस चला गया इसलिए दोस्तों सच बात यह है कि हमारे हाथ पारस हैं जिनसे हम कुछ भी बदल सकते हैं.
लड़के की मेहनत पारस पत्थर की कहानी
एक दिन की बात है. एक लड़के को यह लगता है की अगर उसे पारस पत्थर मिल जाये तो
वह बहुत अमीर बन सकता है. इसलिए वह उस पारस पत्थर की तलाश में जाता है.
मगर उसे कुछ भी नहीं मिलता है. वह बहुत थक जाता है. वह सोचता है.
यह पारस पत्थर मुझे क्यों नहीं मिल रहा है.
लोग पता नहीं क्या बता करते है. उन्हें सब कुछ मिल जाता है.
वह बहुत गुस्सा हो रहा था. क्योकि उसे पारस पत्थर नहीं मिला था. एक आदमी उसके पास आता है. वह कहता है की तुम उदास क्यों बैठे हो यहां पर तो कोई नहीं है. तुम घर क्यों नहीं जाते हो. वह लड़का कहता है. में पारस पत्थर की तलाश में यहां पर आया था. मगर यहां पर कुछ भी नहीं है. वह लोग पता नहीं क्यों बात करते है, पारस पत्थर से अमीर बन सकते है. वह आदमी समझ गया था.
पारस पत्थर की जरूरत :-
उस लड़के को क्या लग रहा है. वह आदमी कहता है की अगर तुम्हे पारस पत्थर मिल जाए तो उसका क्या कर सकते हो. वह लड़का कहता है में अमीर बन सकता हु मेरे पैसा सब कुछ होगा. सोन चांदी मेरे पास होंगे. उसके बाद कोई जरूरत नहीं होगी. यह सुनकर वह आदमी उसे समझाता है. पारस पत्थर की जरूरत है. लेकिन यह सब कुछ तुम हासिल कर सकते हो. दुनिया में मेहनत से बड़ा कुछ नहीं होता है. उसके आगे सब कुछ बेकार है.
कभी तुमने सोचा है. अगर तुम्हे प्यास लगी है तो पानी अपने आप चलकर आता है. वह लड़का कहता है की ऐसा नहीं होता है. उसके लिए तो हमे पाने के पास जाना होता है. आदमी कहता है की यह सब कुछ इसलिए है, क्योकि मेहनत किये बिना कुछ नहीं है. उस दिन के बाद वह लड़का किसी भी पारस पत्थर की तलाश नहीं करता है. उसने मेहनत का राज सीख लिया था. मेहनत कीजिये सब कुछ मिल सकता है. अगर आपको यह दोनों hindi ki kahaniya पसंद आयी है. शेयर करे,
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