Hindi me kahani
हमारी हिंदी कहानी राजा के विश्वास की कहानी, (Hindi me kahani) विश्वास पर है, विश्वास ऐसा शब्द है जिसका अर्थ आज शायद कुछ लोग भूल गए है, हम कभी किसी पर जरूरत से ज्यादा विश्वास करते है और हमे देखा हो जाता है, इसलिए सोच समझकर ही किसी पर विश्वास करे हमारी हिंदी कहानी आपको पसंद आएगी,
राजा के विश्वाश की दो हिंदी कहानी :- Hindi me kahani
राजा ने अपने खजाने को छुपाने के लिए एक गोदाम बना रखा था जिसके बारे में किसी को भी नहीं पता था क्योंकि राजा जानता था कि अगर इस बात का किसी को पता लग जाएगा तो यहां पर खजाने की चोरी हो सकती है एक बार महामंत्री ने पूछा कि आपने खजाने की व्यवस्था को कैसे रखा है आपको मालूम है कि यहां पर चोर घूम रहे हो सकता है वह भी हमारे खजाने की ओर बढ़ जाए
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राजा ने कहा कि तुम्हें इस बात की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है राजा ने कहा कि मैंने अपना खजाना बहुत ही अच्छी जगह पर छुपा कर रखा है कि चोरों को बिल्कुल भी इसके बारे में ज्ञात नहीं हो सकता है लेकिन महामंत्री ने बहुत जोर देकर पूछा कि मुझे तो पता होना चाहिए कि खजाना कहां पर है हो सकता है कि कभी जरुरत पड़ गई और हम उस बारे में बिल्कुल भी नहीं जानते हैं
इसलिए राजा ने सोचा कि महामंत्री को यह बात बता देनी चाहिए क्योंकि जरूरत पड़ने पर हो सकता है कि मुझे इनकी जरूरत पड़ जाए राजा ने महामंत्री को कहा कि मैंने अपने खजाने की व्यवस्था अपने महल के नीचे गोदाम बना रखा है जिसमें सभी खजाने की व्यवस्था कर रखी है राजा यह बात को बिल्कुल भी नहीं जानता था कि एक दीवार के पीछे चोर खड़ा हुआ सुन रहा था वह चोर अब जान गया था कि राजा का खजाना कहां पर है इसलिए चोर बाहर गया और अपने साथियों से कहने लगा कि हमें खजाने के बारे में जानकारी मिल गई है
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उनमें से सभी चोरों ने इस बात को जाना और फिर उसके बाद उन्होंने यह योजना बनाई कि
हम एक साथ सारा खजाना नहीं लाना है इसलिए थोड़ा थोड़ा करके वहां से खजाना निकाल देना है
इसलिए कुछ तो चोर रात के समय में वहां पर चोरी करने जाएंगे
उसी रात को महल के नीचे बने गोदाम में चोरी हो गई और
अगले दिन जब राजा ने देखा कि खजाने मै से कुछ खजाना गायब हो चुका है
तो उन्होंने पूरा शक महामंत्री पर किया राजा ने महामंत्री को बुलाया और कहा कि
मैंने तुम्हें इसकी जानकारी इसलिए नहीं दी थी कि तुम यहां पर चोरी कर लो
महामंत्री ने कहा कि मैं इस बारे में कुछ भी नहीं जानता हूं
क्योंकि मैं तो खजाने के पास गया भी नहीं हूं और
आपने मेरे ऊपर खजाने की चोरी होने का इल्जाम लगा दिया है
तो राजा ने कहा कि मैंने तुम्हें ही बताया था खजाना कहां पर है और
इस बारे में कोई और नहीं जानता था
इसलिए राजा ने मंत्री को कैद कर लिया और कहा कि जब तक तुम खजाना वापस नहीं करोगे
तब तक तुम्हें नहीं छोड़ा जाएगा
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लेकिन अगले दिन भी चोरी हो गई राजा समझ नहीं पा रहा था की चोरी किसने की है क्योंकि महामंत्री को पकड़ लिया था उसके बाद राजा ने सभी सैनिकों को इकट्ठा किया और कहा कि आज की रात तुम सभी छिपकर पहरा दोगे और हमें यह ज्ञात करना है कि चोरी कौन कर रहा है कुछ देर बाद चोर आये और सभी सिपाहियों ने चोरों को पकड़ लिया
राजा अब समझ चुका था कि यह चोरी चोर कर रहे थे ना कि महामंत्री, राजा ने महामंत्री को छोड़ दिया और अपनी इस हरकत के लिए क्षमा मांगी महामंत्री ने कहा कि यह हमें जिस पर बहुत ज्यादा विश्वास होता है हमें उस पर हमेशा विश्वास बनाए रखना चाहिए जीवन में विश्वास पर ही सब कुछ चलता है
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लेकिन कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि विश्वास टूट रहा है तभी हम एक दूसरे पर शक करने लगते हैं इसलिए सोच समझकर ही विश्वास करें. अगर आपको यह कहानी राजा के विश्वास की कहानी, (hindi me kahani, Hindi story, Hindi kahani) पसंद आयी है तो आप इसे शेयर कर सकते है और कमेंट करके हमे भी बता सकते है,
सेवक पर विश्वाश की हिंदी कहानी :- Hindi me kahani
राजा को एक सेवक पर बहुत विश्वाश था. राजा को उस पर बहुत यकीन हो गया था जिसके बाद राजा उसकी बात को मानते थे. एक दिन उस सेवक ने सोचा था की राजा मुझ पर यकीन करते है. इसलिए मुझे उनका फायदा उठाना होगा. सेवक की यह सोच उसके लिए समस्या बन जाती है. एक दिन राजा के कमरे में वह सफाई कर रहा था. राजा के पास हिरे का हार था. वह राजा के बिस्तर पर रखा था.
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वह सेवक उस हार को उठा लेता है. उसके बाद अपने पास रख लेता है. वह सेवक जानता था. राजा उस पर बहुत यकीन करते है. उसे चोर नहीं समझा जायेगा. उस सेवक ने जब हार लिया था. उसे सेनापति देख लेता है सेनापति जानता था. वह सेवक ने हार लिया है. वह चाहता तो उससे हार ले सकता था. मगर इससे सेवक बच सकता था. क्योकि राजा को उस पर यकीन था. इसलिए यह बात राजा को बतानी होगी. सेनापति राजा के पास जाता है. जब यह बात राजा को पता चलती है. उन्हें यकीन नहीं होता है.
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मगर जब सेनापति ने देखा है तो यकीन किया जा सकता है.
सेवक को बुलाया जाता है. राजा उससे पूछते है की मेरा हार नहीं मिल रहा है
सेवक कहता है मुझे नहीं पता है. यह सुनकर राजा कहता है की
जीवन में किसी पर यकीन बनाना बहुत मुश्किल होता है
मगर उसे तोडना बहुत आसान होता है.
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Hindi me kahani, Hindi story, Hindi kahani, सेनापति उसकी तलाशी लेता है वह हार मिल जाता है. सेवक को राजा कुछ नहीं कहते है. वह उसे महल से निकाल देते है. राजा ने एक अच्छे सेवक के लिए आज भी बुरा नहीं सोचा था. मगर सेवक ने यह अच्छा नहीं किया था. जीवन में किसी पर विश्वाश करते हो तो पूरा विश्वाश न करे. जब विश्वाश टूट जाता है. तो बहुत दुःख होता है.
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