Kahaniya hindi
काम की अहमियत कितनी जरुरी, kahaniya hindi, यह कहानी हमे यही बताती है की जीवन में हम कितनी मेहनत करते है, क्योकि यह मेहनत ही हमारे काम आती है, इसलिए यह बहुत जरुरी होती है, यह कहानी आपको पसंद आएगी,
काम की अहमियत कितनी जरुरी :- kahaniya hindi
जब से वह आया है तभी से सब कुछ बदल गया है, हमने उसे बताया भी था मगर वह सुनने को तैयार नहीं है क्योकि वह अलग होना चाहता है उसे यह लगता है की अगर वह साथ में रहकर काम करता है तो वह नहीं कर पायेगा, जबकि ऐसा नहीं है, अगर वह साथ में रहता है तो यह अच्छी बात है,
पिताजी ने साफ़ मना कर दिया :-
मगर उसे तो यह बात नहीं माननी है उसे तो अब अपना हिस्सा चाहिए जिसे वह लेकर यहां से चला जाए जब वह घर छोड़कर गया था तब कुछ दिन तक वह नहीं आया था मगर अब आया है तो अपना हिस्सा मांग रहा है, लेकिन सके पिताजी ने साफ़ मना कर दिया है क्योकि वह ऐसा नहीं करना चाहते है उन्हें एक वादा भी उससे चाहिए अगर वह कुछ दिन में कमाकर लाता है
तो उसके हिस्से की बात सोची जायेगी, क्योकि वह ऐसे ही नहीं देना चाहते है वह भी देखना चाहते है की यह उस हिस्से के लायक है भी या नहीं, वह वापिस चला जाता है क्योकि उसे अब कुछ कारण अहइ जिसके बाद वह अपना हिस्सा ले पायेगा, वह यह सोचकर जाता है और सभी जगह पर काम की तलाश करता है मगर काम का मिलना आसान नहीं है, उसे कोई भी काम नहीं देता है,
भारी सामान :-
वह पुरे दिन भर काम की तलाश करता है अगले दिन वह फिर से काम की तलाश में निकल जाता है उसे आज काम मिल गया था उसे कुछ सामान दूसरी जगह पर पहुंचना था, वह बहुत ही भारी सामान ले रहा था उसे ले जाना बहुत मुश्किल हो रहा था, वह यही सोच रहा था की इस लिए कोई भी काम आसान नहीं होता है यह काम मुझसे नहीं होगा कुछ और ही देखना होगा जिसे ने कर पाउ, उसने वह काम नहीं करा था मगर उसे काम की तलाश जारी रखनी थी,
वह लगातार काम देख रहा था मगर कोई काम नहीं मिल रहा था क्योकि वह अपने अनुसार काम करना चाहता था लेकिन जैसा वह काम देख रहा था वह उसे मिल भी जाए यह तो जरुरी नहीं था अगला दिन भी ऐसे ही चला गया था वह थक गया था क्योकि सभी मेहनत के काम नज़र आ रहे थे
पुजारी समझाता है :-
मगर कोई भी अच्छा काम उसे नहीं मिल रहा था वह मंदिर में जाकर बैठ जाता है, कुछ देर बैठने पर पुजारी आता है, वह पूछता है की तुम दुखी नज़र आ रहे हो, ऐसी क्या बात है, वह कहता है की मेने कभी काम नहीं किया है, जो भी काम मिलता है वह मेहनत का मिलता है वह मुझसे होता नहीं है अगर में काम नहीं करूँगा तो मुझे मेरा हिस्सा नहीं मिल पायेगा, पुजारी समझाता है की तुम बात को नहीं समझे हो,
तुम्हारी पिताजी यही चाहते है की तुम कुछ काम करो, जिससे तुम्हे काम की अहमियत नज़र आये, तुम्हे पता चल सके की काम करना कितना जरुरी है तभी हम जीवन में आगे बढ़ पाते है अगर तुम काम नहीं करते हो तो जीवन में कैसे अच्छा कर पाओगे, शायद वह अब बात को समझ गया था
मेहनत करूँगा :-
वह घर गया और कहने लगा की मुझे कोई हिस्सा नहीं चाहिए पहले में काम करूँगा और मेहनत करूँगा तभी में सब कुछ प्राप्त कर लूंगा, पिताजी इस बात को सुनकर बहुत खुश हो गए थे, काम की अहमियत कितनी जरुरी, kahaniya hindi, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर कर सकते है,
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