khel khel mein hindi story
खेल-खेल में कहानी, khel khel mein hindi story, यह कहानी हमे अपने बचपन की यादे दिलाती है, हम किस प्रकार बचपन में तरह-तरह के खेल खेला करते थे,
खेल-खेल में हिंदी कहानी : khel khel mein hindi story
hindi story, खेल-खेल में सभी लोग भागते हुए जा रहे थे, क्योकि सभी लोग अपने बचपन की बातों को याद कर रहे थे, क्योकि आज वह बहुत साल बाद अपने पुराने मित्रो से मिले थे, जब वह अपने पुराने मित्रो से मिले तो उन्हें अपने बचपन की बाते याद आ रही थी, अपनी बचपन की बातों को याद करके उन्होंने ने सोचा की हमे कोई खेल खेलना चाहिए तभी हम सभी को अपनी पुरानी यादे याद आ जायेगी, सभी खेल के लिए तैयार थे मगर किसी को भी खेल नहीं सूझ रहा था,
फिर सभी ने एक साथ कहा की हम सब छुप जाते है, और उनमे से एक ढूढ़ने के लिए तैयार था, सभी लोग छुप गए थे यह लगभग शाम का समय था, अँधेरा भी हो गया था, उन्हें छुपने में अच्छा लग रहा था, क्योकि उन्हें यह खेल अच्छा लगता था, but अब बड़े हो गए थे, अब इन खेल का कोई मतलब नहीं था, मगर फिर भी उन्होंने ने सोचा की हमे अपनी यादो को याद करने का इससे अच्छा अवसर नहीं मिल सकता है, सभी लोग छुपे हुए थे, एक उन्हें लगातार खोज रहा था, उसने जब खोजना शुरू किया था, सभी लोगो को वह ढूढ़ चूका था,
but एक नहीं मिल रहा था, वह उसे लगातार ढूढ़ रहा था, सभी कह रहे थे की लगता वह अच्छी जगह पर छुपा है, मगर हम बहुत जल्दी ही मिल गए थे, वह किस जगह छुपा था, कोई भी उसे नहीं देख पा रहा था, but उसे तो ढूढ़ना ही था, वह हर जगह पर देखकर परेशान हो गया था मगर उसे कही नज़र नहीं आ रहा था, वह कहा हो सकता है, वह आखिर थककर बैठ गया था, क्योकि उसे वह नहीं मिल रहा था, कहा पर खोजे कुछ पता नहीं था, वह बैठा था सभी लोग अब उसे आवाज लगा रहे थे की अब बहार आ जाओ वह नहीं ढूढ़ रहा है,
क्योकि तुम उसे नहीं मिल रहे हो, अब सभी लोग बहुत बार आवाज लगाकर परेशान हो गए थे, कोई भी उसे नहीं ढूढ़ रहा था, सभी लोग बैठ गए और कहने लगे की अपने आप आ जाएगा, हम सभी अपनी बाते करते है, यह सभी लोग बैठकर बाते कर रहे थे, क्योकि सभी लोग एक साथ वही पर मिले थे, सभी ने साथ मिलकर यह योजना बनाई थी, क्योकि बहुत साल से कोई भी नहीं मिला था, तभी अचानक ही बिजली चली जाती है, और एक आवाज आती है, तभी सभी घबरा जाते है,
उनका दोस्त आवाज लगता है और कहता है की मुझे बचाओ में यहां पर हू, सभीउसकी आवाज सुनकर वही पर जाते है और अपने दोस्त को ढूढ़ते है, मगर वह नज़र नहीं आता क्योकि एक तो अँधेरा बहुत अधिक था, दूसरा वह नहीं मिल रहा था, सभी एक साथ वही पर खड़े रहते है और सामने कोई भागते हुए उनकी और आता है वह सभी लोग बहुत ज्यादा डर जाते है और वह भागते हुए उनकी और आकर गिर जाता है, सभी लोग डर के भागना शरूर कर देते है और बिजली आ जाती है, उनका साथ सामने खड़ा हुआ रहता है और पूछता है की खेल बीच में ही छोड़ दिया था मुझे ढूढ़ा भी नहीं था इसलिए तुम्हे डराना जरुरी था,
अगली सुबह ही सभी लोग घर चले जाते है, वह कुछ यादो के साथ अपने घर जाते है बचपन की यादे को भी नहीं भूलता है मगर जब बड़े हो जाते है तो वह खेल भी अब अच्छे नहीं लगते है, जितने वह बचपन में लगते थे, अगर आपको यह खेल-खेल में कहानी, (khel khel mein hindi story) कहानी पसंद आयी है तो जरूर शेयर करे और हमे भी बताये,
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