khushi batane se badhti hai purani kahaniya

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khushi batane se badhti hai purani kahaniya

हमे जीवन में हमेशा खुशियाँ बॉटनी चाहिए, क्योकि ऐसा करने से हमेशा मन को शांति मिलती है, और जीवन में भी सफलता मिलती है, यह कहानी (khushi batane se badhti hai purani kahaniya) ख़ुशी बांटने से बढ़ती है कहानी, आपको पसंद आएगी,

ख़ुशी बांटने से बढ़ती है कहानी : Purani kahaniya

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khushi batane se badhti hai purani kahaniya

एक गांव में एक साधु महाराज जी आए और सभी लोग उनका स्वागत करने लग गए सभी लोगों ने साधु महाराज जी से एक विनती की कि आप हमारे लिए कुछ शब्द कहेंगे संत महाराज जी ने कहा कि मेरे कहने से कुछ नहीं होगा आप सभी को कहना होगा तभी आप जीवन में कुछ कर पाएंगे सभी लोग एक दूसरे की तरफ देखने लगे क्योंकि साधु महाराज जी कुछ बोलने के लिए कह रहे थे

 

लेकिन बोलने को तो कोई भी तैयार नहीं था तभी भीड़ में से एक आदमी उठा और कहने लगा कि महाराज जी हमें यह बताइए कि हम खुशियों को कैसे प्राप्त करेंगे हम जितनी बार खुशियों को ढूंढते हैं उतनी बार थक जाते हैं और हार कर बैठ जाते हैं और हमें खुशियां प्राप्त नहीं होती हमें एक ऐसा रास्ता समझाइए जिससे कि हम सभी लोग खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर सकें साधु महाराज जी ने कहा कि कल मुझसे इस बारे में जरूर पूछना कल सभी लोग आएंगे और इस सवाल का जवाब हम कल दे पाएंगे

 

जब सभी लोग कल साधु महाराज जी के पास आए हो पूछने लगी कि कल जो हमने सवाल किया था आप उसका उत्तर आज देने वाले हैं साधु महाराज जी ने कहा कि हां मैं उसका उत्तर देने वाला हूं सभी लोग ध्यान से सुनिए साधु महाराज जी ने कहा कि जितने भी लोग यहां पर हैं सब अपना अपना नाम एक पर्ची पर लिखकर मुझे देंगे सभी लोगों ने एक-एक पर्ची पर अपना अपना नाम लिखा साधु महाराज जी को दिया

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साधु महाराज जी ने सभी की पर्चियों को एक कमरे में रख दिया और कहा कि अब इसके बाद सभी लोग अंदर जाएंगे और अपने नाम की पर्ची को लेकर 1 मिनट के अंदर बाहर लेकर आएंगे लेकिन जब सभी लोग एक मिनट के अंदर बाहर नहीं आ पाए इसका मतलब क्या है सभी लोग बाहर आए लेकिन किसी की पर्ची फटी हुई थी कोई भी अपने नाम की पर्ची नहीं ले पाया था और इतने सारे लोग जब अंदर पहुंचे तो काफी लोग नीचे गिर गए थे और बहुत से लोगो को चोटें भी आई थी संत महाराज जी ने कहा कि ठीक है अब बाहर आ जाइए और एक आदमी अंदर जाएगा और जिसका भी नाम वह पुकारेगा उसको वह पर्ची दे देगा

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इस तरह सभी लोगों को अपनी अपनी पर्चियां मिल गई अब साधु महाराज जी ने पूछा कि अब इससे आपको क्या सीख मिलती है सभी लोग साधु महाराज जी की ओर देखने लगे साधु महाराज जी ने कहा कि इससे यही सीख मिलती है कि जब एक व्यक्ति दूसरे को पर्चियां बांट रहा था तो वह सब के लिए ही की खुशियां बांट रहा था और इसी कारण उसे भी खुशी हो रही थी जब आप लोग सभी खुशियां बाटेंगे तो आपको भी अपने आप खुशियां प्राप्त होगी खुशियों को ढूंढने के लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है महाराज जी की बात सुनकर सभी लोग सोचने लगे कि अगर जीवन में हर व्यक्ति हर एक के लिए खुशियां बांटे गए तो हमारा जीवन ही सफल हो जाएगा.

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