lalach ki rochak kahaniya
हमे अपने जीवन में कभी लालच नहीं करना चाहिए, क्योकि यह हमे उस रस्ते पर ले जाता है जिससे वापिस आना मुश्किल हो सकता है, आपको यह कहानी लालच का नतीजा कहानी, lalach ki rochak kahaniya पसंद आएगी.
लालच का नतीजा कहानी : Rochak kahaniya
एक आदमी के पास बहुत सारा धन था लेकिन वह बहुत ही लालची था अपने धन को खर्च करने के लिए वह बहुत बार सोचता था क्योंकि वह समझता था कि जितना धन उसके पास रहेगा वह उतनी ही अच्छी जिंदगी जी पाएगा लेकिन उसने किसी से सुना था कि अगर हम साधुओं की सेवा करते हैं तो उससे भी हमें बहुत अच्छा लाभ होता है और हमें धन संपत्ति प्राप्त होती है
ऐसा सोचकर वह साधु संतों की सेवा करने के लिए चल पड़ा एक साधू की झोपड़ी के पास आया तो रूक गया साधु ने उसको देखा और पूछा कि आप कौन हैं और यहां क्या कर रहे हैं ने कहा कि मैं आपकी सेवा करना चाहता हूं मेरे मन में यह इच्छा हो रही है कि मैं आप की सेवा करूं और इसी में ही अपना जीवन व्यतीत कर दूं उसने बहुत सेवा की जो काम है उसे किया उसने अपने सभी काम को पूरा कर दिया साधु ने उस आदमी से कहा कि मैं तुम्हारी सेवा से बहुत खुश हूं अगर जो तुम चाहो मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर सकता हूं
आदमी ने कहा है कि मुझे ऐसा आशीर्वाद दीजिए कि मेरी धन-संपत्ति कभी भी समाप्त ना हो और मुझे कभी भी धन की आवश्यकता ना पड़े वह कभी भी समाप्त ना हो साधु ने उसे चार मोमबत्तियां दे और कहा कि तुम्हें जब भी धन की आवश्यकता होगी तुम एक मोमबत्ती को जलाकर उस रास्ते पर निकल जाना जिस जगह मोमबत्ती अचानक ही बुझ जाएगी वहां पर तुम बैठ जाना और अपने हाथ से मोमबत्ती को नीचे गिरा देना जैसे मोमबत्ती नीचे गिर जाएगी तुम्हारी मोमबत्ती बहुत सारी स्वर्ण मुद्राएं में बदल जाएगी
तुम्हें एक बात याद रखनी है कि तुम्हें अंत वाली मोमबत्ती को कभी भी नहीं जलाना है आदमी चारों मोमबत्तियां लेकर अपने घर चला गया और उसे धन का लालच बहुत था इसलिए उसने सोचा कि मुझे जब जरूरत होगी मैं तभी क्यों जाऊं अभी एक एक करके सभी मोमबत्तियों को देख लेता हूं पहली मोमबत्ती लेकर निकल पड़ा और जैसे ही हवा का झोंका आया मोमबत्ती बुझ गई उसने मोमबत्ती को नीचे गिरा दिया और मोमबत्ती बहुत सारी स्वर्ण मुद्राओं में बदल गई
वह धन बहुत सारा था इसलिए उसने उस जगह पर एक निशान लगाया और वह धन वहीं पर ही दबा दिया और यह सोचकर कि बाद में से ले जाऊंगा ऐसा करते हुए वह तीनों मोमबत्तियों का प्रयोग कर चुका था उसके पास अब तक एक ही मोमबत्ती बची थी जब चौथी मोमबत्तियों को लेकर जा रहा था तभी अचानक हवा का झोंका आया और मोमबत्ती बुझ गई उसने मोमबत्ती को नीचे गिराया तो वह एक गड्ढे में अचानक गिर गया वह नीचे गिरा तो नीचे एक बहुत बड़ा महल था उसमें जाकर वह अचानक गिरा.
सामने एक आदमी बैठा हुआ था आदमी को देख कर उसने पूछा कि तुम यहां पर क्या कर रहे हो आदमी ने कहा कि मुझे बहुत समय हो गया है यहां पर बैठे हुए हैं अगर तुम्हें मुझसे पूछना है तो इस कुर्सी पर आकर बैठ जाओ आदमी उसी पर बैठा तो दूसरा आदमी खड़ा हो गया और उसने कहा कि तुम्हें यहां पर धन का लालच ही लेकर आया है धन के लालच में यहां पर आया था
उसकी वजह से इस कुर्सी पर बैठा तो एक आकाशवाणी हुई कि अगर तुम कुर्सी से उठे तो यह महल भी नीचे चला जाएगा इसलिए मैं इसी कुर्सी पर बैठा रहा और आज तुम आए हो आज मैं आजाद हूं वह आदमी अपने किए पर पछता रहा था क्योंकि वह अब यहां पर आकर फंस चुका था आदमी बाहर चला गया और वह आदमी यही सोचता रहा है धन का लालच ना करता तो यहां पर कभी ना फंसता. दोस्तों हमें भी कभी जीवन में लालच नहीं करना चाहिए लालच हमें कहीं भी फंसा सकता है लालच करना बुरी बात है.
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