mobile story in hindi
मोबाइल की हिंदी कहानी, (mobile story in hindi) जीवन में मोबाइल के होने से काफी काम आसान हो जाते है अगर उनके पास मोबाइल नहीं होता तो उन्हें बहुत परेशानी होती यह कहानी आपको पसंद आएगी,
मोबाइल की हिंदी कहानी : mobile story in hindi
संजीत पढ़ने में बहुत होशियार था, अभी वह ग्रेजुएट हो गया था लेकिन उसे कोई भी नौकरी नहीं मिल रही थी, आजकल नौकरी मिलना आसान नहीं है लेकिन वह हमेशा कोशिश करता रहता था, संजीत का एक दोस्त जिसका नाम रूपम था वह भी साथ में ही पढ़ता था, दोनों ही पढ़ने में अच्छे थे, उन्होंने ने एक्साम पास करने के लिए कोचिंग भी लगा रखी थी, हर रोज की तरह वह अपने समय पर निकल जाते और शाम तक पढ़कर घर आ जाते थे,
एक दिन उन्हें काफी देर हो गयी थी, रूपम के पास मोबाइल था उसने अपने घर पर कॉल करके बता दिया था की आज बहुत देर हो गयी है क्योकि बारिश बहुत ज्यादा हो रही थी, इसलिए अभी हम दोनों एक जगह पर रुके हुए है और जल्दी ही आ जाएंगे, वह दोनों बारिश का रुकने के लिए इंतज़ार कर रहे थे लेकिन बारिश अभी रुक जायेगी यह लगता नहीं था,
संजीत ने रूपम से कहा की अगर बारिश न होती तो हम घर पर होते मगर यह तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी, अब यहां बैठे-बैठे क्या करे चारो और पानी ही पानी नज़र आ रहा था, मगर रास्ता कही दिख नहीं रहा था अगर वह दोनों बारिश में जाते तो बहुत ज्यादा पानी होने का कारण भीग जाते, इसलिए वही पर बैठकर इंतज़ार करने में ही भलाई थी, तभी रूपम ने देखा की उनके जो पड़ोस में सुरेश अंकल रहते है वह भी यहां पर खड़े है,
Read More-अपने भाग्य का फल कहानी
लेकिन संजीत नहीं जानता था की वह कौन है क्योकि वह रूपम के पड़ोस में रहते थे, रूपम उनके पास गया और अंकल से मिला, सुरेश अंकल ने रूपम को देखा और पूछा की अभी तक घर नहीं गए हो, रूपम ने बताया की आज बारिश होने की वजह से हम दोनों यही पर है सुरेश अंकल ने देखा की रूपम का दोस्त भी यही पर है,
सुरेश अंकल ने कहा की मेरी गाडी अभी यही पर है और में तुम दोनों को घर छोड़ दूंगा, अभी एक जानने वाले आने वाले है में उनसे मिल लू फिर घर चले जाएंगे यह सुनते है संजीत और रूपम बहुत खुश हो गए थे बारिश और तेजी से होने लगी थी, हवा का रुख भी बहुत तेज था बरसिह की फुवार चारो और फैली नज़र आ रही थी बरसिह में भीगने का मन तो था मगर सामान होने की वजह से या बीमार पड़ जाने की कारन भीगने का प्रोग्राम दूर ही रखा था
Read More-भलाई कौन करेगा कहानी
कुछ देर बाद एक आदमी आया और वह सुरेश अंकल से मिला दोनों बाते करने लग गए थे ऐसा लग रहा था की वह उस आदमी को लेने आये थे, कुछ देर बाद बाते करने पर अंकल ने चलने को कहा और दोनों दोस्त उनके साथ में चलने लगे थे, गाडी कुछ दुरी पर खड़ी थी वह गाडी के पास पहुंच गए थे, सभी लोग गाडी में बैठे और चल पड़े थे, कुछ ही किलोमीटर चले थे और गाडी में पानी भरने लग गया था, जिसके कारण गाडी रुक गयी थी
अब सभी की परेशानी बढ़ गयी थी बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी और उधर गाडी भी बंद हो गयी थी, अब क्या किया जा सकता था बहार निकलना भी मुश्किल था और अंदर बैठे-बैठे क्या करे बारिश रुक जाए तो घर भी चला जाए मगर अब गाड़ी रुकने से समस्या और भी बढ़ गयी थी, अंकल ने मोबाइल का प्रयोग करके किसी को बुलाना चाहा मगर कोई भी आने को त्यार नहीं था,
रूपम ने कहा की मेरा एक दोस्त मदद कर सकता है में उसका मोबाइल मिलकर देखता हु, तभी उसने अपने एक दोस्त को उस जगह पर आने को कहा जहा पर गाडी बंद हो चुकी थी उसका वह दोस्त एक गाडी की दूकान में काम करता था वह किसी भी गाडी को ठीक कर सकता है, जब उसे अपने दोस्त को मोबाइल पर कॉल किया तो वह कुछ जरुरी सामान लेकर अपनी बाइक से निकल पड़ा था कुछ देर बाद वह बीघता हुआ उस जगह पर आ पहुंचा था,
उसने गाडी को ठीक किया और कुछ देर बाद गाड़ी ठीक हो गयी थी उसने अपने दोस्त को धन्यवाद किया कोय्की कोई भी इतनी तेज बारिश में आने को त्यार नहीं था और वह तुरंत आ पहुंचा था, उसके बाद गाड़ी चल पड़ी और सभी लोग घर की और जाने लगे थे, तभी अंकल ने कहा की आज तुम्हारी वजह से हम घर पर जा रहे है नहीं तो यही पर रुकना पडता और पता नहीं कब तक मदद आती है
तभी रूपम ने कहा की यह सब कमाल तो मोबाइल का है अगर यह न होता तो कोई भी यहां से नहीं निकल सकता था अंकल ने कहा की यह भी ठीक है जब से मोबाइल बना है हमारे काम अच्छे से हो जाते है और हमे ज्यादा जाना भी नहीं पडता है हमे सभी सुविधा घर पर मिल जाती है आखिर मोबाइल ने सभी के जीवन में बदलाव कर दिया था
जब सभी लोग घर पर आये तो काफी समय हो गया था क्योकि अब रात ही हो गयी थी काफी समय तो बारिश ने ही बर्बाद कर दिया था और बचा हुआ समय में गाडी बंद हो चुकी थी उसे ठीक होने में ही काफी समय लग गया था रूपम अपने घर और संजीत अपने घर चले गए थे, संजीत जब घर पहुंचा तो अपने घर पर पूरी बात बताई थी की एक मोबाइल के होने से हम लोग यहां तक पहुंचे थे, उसके बाद संजीत ने भी कहा की मुझे भी एक मोबाइल चाहिए
मेरे पास कोई भी मोबाइल नहीं है अगर आज रूपम के पास मोबाइल नहीं होता तो हम घर पर नहीं आ सकते थे, उसके बाद संजीत को भी मोबाइल की अहमियत पता चल गयी थी जबकि संजीत मोबाइल को हमेशा समय खराब करने वाला साधन मानता था, इसलिए उसने कभी मोबाइल नहीं लिया था मगर आज उसकी सोच में काफी बदलाव आ गया था,
Read More-ऐसा क्यों हुआ हिंदी कहानी
अगर आपको भी मोबाइल की हिंदी कहानी (mobile story in hindi) पसंद आयी है तो आगे भी शेयर करे और कमेंट करके हमे भी बताये.
Read More Hindi Story :-
Read More-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग एक
Read More- रेगिस्तान का सफर कहानी भाग दो
Read More-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग तीन
Read More-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग चार
Read More-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग पांच