moral stories in hindi
मददगार की कहानी (moral stories in hindi) आपको पसंद जरूर पसंद आएगी जिंदगी में किसी के भी पास समय नहीं है अगर हम अपने समय में से थोड़ा समय निकाल लेते है तो इससे दुसरो को कितनी ख़ुशी होगी आप इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते है
मददगार की कहानी : moral stories in hindi
यह बात बहुत पुरानी है अक्सर वह जंगल में लकड़िया लेने जाया करता था, वह अपनी झोपडी में अकेला ही रहता था कुछ दुरी पर एक गांव था जिसमे वह हमेशा जाया करता था कुछ गांव वाले उसे यही कहते थे की तुम गांव में क्यों नहीं रहते हो, अगर तुम अकेले रहते हो तो हमे अच्छा नहीं लगता है, सभी गांव वाले उसे हमेशा यही कहते थे
मगर वह कभी उनकी बात नहीं मानता था, उसका कहना था की हम अगर दूर रहे और उसके बाद मिले तो बहुत अच्छा लगता है मगर पास में रहकर हमेशा झगड़े का डर बना रहता है, इसलिए में गांव से दूर रहता हु मगर यह मत समझना की में बहुत अधिक दूर हु तुम आवाज भी लगगे तो भी में सुन सकता हु, इसलिए चिंता करने की जरूरत नहीं है उस आदमी का सवभाव ही अजीब था लेकिन वह हमेशा अच्छा काम करता था
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अगर कोई भी उसे कोई काम बता देता तो वह उसे जरूर पूरा करता था गांव वाले उसे मददगार कहते थे क्योकि वह हमेशा सबके लिए त्यार रहता था एक दिन बारिश का मौसम बन रहा था ऐसा लग रहा था की अचानक ही बारिश आने वाली है और कुछ ही देर बाद बारिश शुरू भी हो गयी थी गांव में एक किसान रहता था जिसकी तबियत अचानक ही खराब हो गयी थी जब यह मददगार को पता चला तो वह बारिश में ही उसके घर आ गया था और उसकी दवाई लेने के लिए पास के गांव में चला गया था
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उसने यह भी नहीं देखा की बारिश बहुत तेजी से हो रही है उसे सिर्फ इतना मालूम था की उस किसान की तबियत बहुत खराब है और उसे जरूरत भी है वह लगातार चला जा रहा था वह जाते हुए अचानक फिसल भी गया था जिससे उसे चोट आ गयी थी मगर फिर भी वह च जा रहा था पता नहीं उसके अंदर ऐसा क्या था की वह हमेशा मदद के लिए त्यार था,
जब वह दूसरे गांव पहुंचा तो उसी जगह पर एक दवाई खाना था वह उसके अंदर गया और सारी बात वैदजी को बताई और दवाई देने को कहा, वैदजी ने दवाई बनाई और उसे दी वैदजी की नज़र उसके पैर पर गयी थी और पूछा की तुम्हे तो चोट आयी है उस आदमी ने कहा की यह तो कुछ नहीं है बारिश में फिसल गया था, वैदजी ने उसके पैर की दवाई दी और वह आदमी वहा से चला गया था
बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी, मौसम का रंग भी काला हो चूका था और बरसिह और तेज पड़नी लगी थी मगर वह किसी की भी बात की चिंता नहीं कर रहा था बल्कि उसे तो वह काम करना था जिसके लिए वह आया था कुछ देर बाद वह उस किसान के घर पहुंचा था और उसे दवाई भी दी किसान ने कहा की तुम सबकी मदद करते हो और फिर भी तुम दूर रहते हो, तुम गांव में क्यों नहीं रहते हो
मददगार ने कहा की मेरा दूर रहना और पास रहना यह मायने नहीं रखता है बल्कि हमे एक दूर की मदद करना मायने रखता है आज की जिंदगी बहुत तेजी से चल रही है किसी के भी पास समय नहीं है मगर हम थोड़ा सा समय निकालकर किसी की मदद करते है तो यह हमारे लिए बहुत जरुरी है इससे ही पता चलता है की जिंदगी में सभी को कितनी जरूरत है इसलिए मेरा मन हमेशा अच्छे काम करने का करता है शायद यह मददगार की बात सही है अगर हम भी ऐसा करते है तो जीवन ही सफल हो जाएगा,
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