सच्ची ख़ुशी का जीवन हिंदी कहानी, new story in hindi with moral

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New story in hindi with moral

सच्ची ख़ुशी का जीवन हिंदी कहानी :- New story in hindi with moral

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new story in hindi with moral

New story in hindi with moral, राजा शिकार करता हुआ काफी दूर जंगल में निकल गया था जब राजा ने पीछे मुड़कर देखा तो एक भी सैनिक उसे नजर नहीं आ रहा था राजा सोच रहा था कि मैं काफी दूर आ गया हूं और अब रात होने वाली है जब अंधेरा हो जाएगा तो मुझे कुछ भी दिखाई नहीं देगा राजमहल में वापिस जाना लगभग नामुमकिन था

खाने की खुशबू :-

तभी राजा की नजर एक झोपड़ी पर गई उस झोपड़ी में से रोशनी आ रही थी राजा ने सोचा कि चलकर देखना चाहिए वहां पर कौन रहता है जब राजा झोपड़ी के पास गया तो अंदर एक बुढ़िया बैठी हुई थी बुढ़िया खाने के लिए कुछ बना रही थी, राजा उस खाने की खुशबू से भूख भी लग रही थी क्योंकि राजा पूरे दिन से कुछ भी नहीं खा पाया था वह शिकार के चक्कर में काफी दूर भी निकाला गया था राजा नहीं झोपड़ी के अंदर जाने की जब इच्छा जताई

 

तो बढ़िया ने देखा कि बाहर कोई है बुढ़िया ने कहा कि कौन है जो बाहर खड़ा है राजा ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश की, जब राजा आया तो बढ़िया ने पूछा कि तुम कौन हो राजा ने कहा कि मैं एक राहगीर हूं जो रास्ता भटक गया हूं बुढ़िया ने कहा कि आज की रात यहां पर तुम आराम कर सकते हो बुढ़िया ने राजा के लिए खाना परोसा राजा ने जब वह खाना खाया तो उसे ऐसा महसूस हुआ कि उसने पूरे जीवन में ऐसा खाना कभी नहीं खाया था

इंसान का मन :-

राजा के सारे पकवान उस खाने के आगे फीके पड़ चुके थे राजा ने बुढ़िया से पूछा कि आप खाने में क्या डालती हो जिसे खाना बहुत ही स्वादिष्ट बन रहा है बुढ़िया ने कहा कि मेरे पास तो कुछ भी ऐसा नहीं है जो मैं खाने में डालती हूं बस मुझे तो यह पता है कि खाना बनाते वक्त हमेशा इंसान का मन शांत होना चाहिए

 

जब भी वह खाना बना रहा हो तो उसका खाना बनाने में मन होना चाहिए जब यह दोनों चीज इंसान के पास होती है तो खाना अपने आप ही अच्छा बनने लगता है राजा को आज वाकई में ऐसा महसूस हो रहा था कि उसे फिर से ज्ञान प्राप्त हुआ जो आज तक किसी को भी प्राप्त नहीं हो पाया था राजा समझ चुका था कि जब हमारा मन किसी काम में लगता है तभी हम उस काम को अच्छा कर पाते हैं और जब हमारा मन काम में नहीं लगता है

कहानी का मोरल :-

new story in hindi with moral, तो हम उस काम को कर भी नहीं पाते हैं जब सुबह हुई तो राजा ने जल्दी ही जाने की कोशिश की और बढ़िया के पास बहुत सारी स्वर्ण मुद्राएं रखी और राजा वहां से चला गया जब राजा महल में पहुंचा तो उसने अपने रसोइयों को बुलाया और कहा कि आज के बाद से हमेशा खाना बिल्कुल सादा ही बनाना क्योंकि जो स्वाद सादे खाने में है वह किसी और चीज़ में नहीं है इसलिए इंसान को भी हमेशा सदा ही रहना चाहिए जितना सादा रहेगा उतना ही खुश भी रहेगा.

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