Sher aur Bhalu ki kahani
Sher aur Bhalu ki kahani, आपको पसंद आएगी क्योकि भालू शेर की बातो में आ जाता और जब उसे पता चलता है तो उसे बहुत बुरा लगता है, इसलिए जीवन में कोई भी काम करने से पहले हमेशा सोचना चाहिए, शेर यही सोचा करता था की भालू की दोस्ती बहुत से जानवरो से है और अगर में “भालू” को भी दोस्त बना लेता हु तो इससे मेरा काम आसानी से हो सकता है
शेर और भालू की कहानी : Sher aur Bhalu ki kahani
मगर “शेर” यह जानता था की भालू बहुत ही मुश्किल से उसकी बात को मानेगा लेकिन उसे भालू से दोस्ती तो करनी थी इसलिए वह कोई योजना सोचने लगा था, बहुत सोचने पर भालू को अपना दोस्त बनाने के लिए एक योजना नज़र आयी थी,
चालाक लोमड़ी की कहानी
वह {भालू} के पास गया और कहने लगा की तुम हर रोज अपने खाने की परेशानी होती होगी, क्योकि तुम्हे उसे हासिल करने के लिए जगह-जगह तलाश करनी पड़ती होगी, अगर यह काम में कर दो तो तुम्हे कही भी जाने की जरूरत नहीं होगी, भालू ने कहा की यह सब मेरे लिए तुम क्यों कर रहे हो, “शेर” ने कहा की तुम सभी जानवरो को जानते होंगे और सभी से मिलते भी हो और में एक शेर हु इसलिए कोई भी मेरे पास नहीं आता है,
अगर जंगल में कोई भी परेशानी होगी तो मुझे पता लगना चाहिए जोकि मुझे पता नहीं होती है अगर तुम यह मेरा सन्देश सभी तक पहुंचा दोगे तो सभी मेरे पास आकर अपनी परेशानी को कह सकते है भालू शेर की बात मान गया था और “शेर” उसे एक बहुत बड़े मधुमखी के छत्ते के पास ले गया था जिसमे बहुत सारा शहद भी था जिससे भालू को बहुत अच्छा लगा था और शेर कुछ मछलिया भी तालाब से लेकर आया था अब (भालू) को बहुत अच्छा लग रहा था एक दिन एक हिरन को परेशानी हो रही थी और यह बात भालू ने सबकी को बता दी थी इसलिए वह हिरन शेर के पास अपनी समस्या को लेकर गया था
अपने मन की बात की कहानी
हिरन शेर के पास आया और कहने लगा की मेरी समस्या का समाधान करिए बहुत से हिरन मुझे अपने झुण्ड में नहीं रख रहे है और वह वहा से निकालना चाहते है, शेर ने कहा की यह तो बहुत छोटी सी समस्या है मेरे पास आओ यह में बहुत आसानी से खत्म कर सकता था उसके बाद जब हिरन पास में आया तो शेर ने उसे खा लिया जब बहुत देर हो गयी थी भालू शेर के पास आया और कहने लगा की आपके पास एक हिरन अपनी समस्या को लेकर आने वाला था मगर वह कही दिखाई नहीं दे रहा है,
शेर ने कहा की वह अपनी समस्या का समाधान लेकर चला गया है उसकी समस्या बहुत छोटी थी इसलिए काम जल्दी ही पूरा हो गया था भालू ने कहाकि यह तो बहुत अच्छी बात है की वह अपनी समस्या का समाधान लेकर चला गया था, {शेर} ने पूछा की भालू को मछली पसंद आयी है तो {भालू} ने कहा की वह बहुत अच्छी लगी थी अगर ऐसा हर रोज हो जाए तो बहुत अच्छा होगा शेर ने कहा की ठीक है अगर सभी जानवरो की समस्या भी हर रोज आती रहे तो यह भी बहुत अच्छा होगा भालू ने कहा की इससे आपको क्या फायदा होता है वह आपको परेशान ही करते है,
शेर ने कहा की यह कोई समस्या नहीं है में बूढ़ा भी तो हो रहा हु और अब कही नहीं जा सकता हु इसलिए सोचा की अच्छे काम करके ही सबके काम आया जाए, भालू ने कहा की आप तो बहुत अच्छा काम कर रहे है उसके बाद भालू वहा से चला गया था शेर को भी आज बहुत अच्छा लग रहा था क्योकि अब उसे कोई भी शिकार ढूढ़ने की जरूरत नहीं पड़ने वाली थी बल्कि यही से ही सब कुछ हो रहा था बस भालू को थोड़ा से लालच देकर यह काम आसानी से हो रहा था
बहादुरी की कहानी
अगली दिन की समस्या लोमड़ी की थी मगर लोमड़ी बहुत चालाक थी वह आसानी से नहीं फसना चाहती थी लोमड़ी शेर के पास आयी और कहने लगी की आप सभी की समस्या खत्म कर सकते है मेरी भी एक समस्या है लोमड़ी अपनी समस्या को बताने वाली थी तभी एक खरगोश वहा पर आ गया था और कहने लगा की आप पहले मेरी समस्या को खत्म करिए बाद में किसी और की समस्या को देख सकते है लोमड़ी ने कहा की ठीक है आज तुम ही अपनी समस्या को बताओ में कल आ जाउंगी
तभी [शेर] ने कहा की में समस्या को बहुत ही सावधानी से हटाता हु इसलिए लोमड़ी को वहा से जाने को कहा था लोमड़ी को इस बात पर थोड़ा शक हुआ था इसलिए लोमड़ी कुछ दूर जाकर वही पर छिपकर देखने लगी थी शेर उसे अपनी गुफा में अंदर ले गया और बहुत देर तक भी खरगोश वहा से नहीं आया था कुछ देर बाद शेर ने डकार ली और मौसम का आनंद लेने लग गया था लोमड़ी वही से शेर को देख रही थी लोमड़ी को शेर पर शक हो गया था लोमड़ी भालू के पास गयी और सारी बात बता दी थी,
[भालू] को लोमड़ी की बात पर यकीन नहीं हुआ था
लेकिन लोमड़ी ने कहा की तुम्हे पहले पूरी बात को जानना होगा
तभी भालू लोमड़ी के साथ गया था और लोमड़ी वही पर छुप गयी थी
भालू ने कहा की कुछ देर पहले एक खरगोश यहां पर आया था
वह अपनी कुछ समस्या लेकर आया होगा आपने उसकी समस्या को सुन लिया है
शेर ने कहा की वह तो कुछ देर बाद ही यहां से चला गया था
उसकी समस्या भी ज्यादा बड़ी नहीं थी
अच्छे स्वभाव की कहानी
उसके बाद भालू वापिस जाने लगा था लोमड़ी ने कहा की यह शेर झूट बोल रहा है
खरगोश अभी तक वापिस नहीं आया है और जब से वह गुफा में उसे ले गया है
तब से वह बहार नहीं निकला था
भालू खरगोश के घर गया और उनसे सारी बात पूछी
उन्होंने ने कहा की वह तो शेर के पास से अभी तक नहीं आया है
अब सारी बात भालू को समझ आ गयी थी
एक अच्छी मदद की कहानी
[भालू] ने अपने बहुत से दोस्त इकट्ठे किये और गुफा की और जाने लगा जब वह गुफा के पास पहुंचे तो शेर से सारी बात पूछी और जब शेर को पीटा गया तो उसने सारी बात बता दी और वहा से भाग गया था इसलिए कहते है की हमे लालच में कोई भी काम नहीं करना चाहिए, अगर आपको यह शेर और भालू की कहानी (Sher aur Bhalu ki kahani) पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये.
शेर और बंदर की हिंदी कहानी :- sher aur bandar ki kahani in hindi
वह शेर बंदर से कहता है की अगर मुझे आज के बाद परेशान किया तो अच्छा नहीं होगा. वह बंदर कहता है. मुझे तुम पकड़ नहीं सकते हो इसलिए मुझे डरने की जरूरत नहीं है. बंदर हर रोज शेर को परेशान करता है. {शेर} जानता है. वह बंदर परेशान करके पेड़ पर चढ़ जाता है. इसलिए शेर को समझ नहीं आ रहा था. क्या किया जा सकता है. बंदर शेर की बात नहीं मानता है.
पारस पत्थर की कहानी
क्योकि वह शेर से नहीं डरता था. एक दिन की बात है. वह बंदर शेर को परेशान करता है. जबकि शेर सो रहा था. अब उसकी नींद खुल जाती है. वह शेर देखता है यह बंदर मुझे परेशान करने आ गया है. वह बहुत दुखी हो गया था. वह बंदर उस पेड़ पर बैठ जाता है. वह बार बार पेड़ से नीचे आता है. शेर को परेशान करता है. पेड़ पर चढ़ जाता है. तभी बंदर जिस पेड़ पर चढ़ रहा था. उसकी डाली टूट जाती है. क्योकि वह बार बार उस डाली पर चढ़ जाता था. बंदर नीचे गिरता है. शेर बंदर को पकड़ लेता है. अब शेर कहता है. तुम्हे मेरी बात समझ नहीं आयी थी.
राजा की अच्छाई की कहानी
Sher aur Bhalu ki kahani, sher aur bandar ki kahani, अब बंद बहुत दर गया था. क्योकि आज वह {शेर} की पकड़ में आ गया था. शेर कहता है की अब तुम्हारा क्या होगा. बंदर कहता है की मुझे माफ़ कर दो. आप राजा है. राजा को माफ़ करना आना चाहिए तभी शेर कहता है की मेने तुम्हे बहुत बार समझाया था. मगर तुम्हे समझ नहीं आया था. लेकिन मुझे लगता है की अब तुम्हे सबक मिल गया है. इसलिए वह शेर बंदर को जाने देता है. अब बंदर कुछ नहीं करता है. वह समझ गया था. आज तो बच गया हु. अगर पेड़ की डाली फिर टूट गयी तो अच्छा नहीं होगा. इसलिए कहते है की आप भी किसी को परेशान न करे.
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