story in hindi
मुश्किल का जीवन हिंदी कहानी (story in hindi) आपको पसंद आएगी जीवन में ऐसा भी हो जाता है की अपनों से दूर रहना होता है मगर हमे यह भूलना नहीं चाहिए की वह हमारे अपने है,
मुश्किल का जीवन हिंदी कहानी : story in hindi
आज वह बहुत ही डरा हुआ महसूस कर रहा था जब वह अपने गांव में पहली बार आया तो उसे ऐसा लगा कि वहां पर उसका आना अच्छा नहीं है ना जाने उसे ऐसा क्यों लग रहा था आज वह काफी समय बाद अपने घर वापस लौट रहा था उनके माता-पिता ने उसे अपने चाचा के यहां पर भेज दिया था क्योंकि उनके समय में एक ऐसी समस्या आ गई थी जिससे कि उन्हें अपने लड़के को अपने चाचा के यहां पर भेजना पड़ा था
इस बीच में उस लड़के ने अपने माता-पिता को सिर्फ एक ही बार देखा था वह भी जब वह बहुत छोटा था अब है उन्हें पहचान पाने में भी बहुत ही दिक्कत महसूस कर रहा था जैसे ही वह दरवाजे पर आया उसने दरवाजा खटखटाया और सामने से किसी महिला ने दरवाजा खोला शायद वह उसकी मां थी वह उन्हें पहचान नहीं पा रहा था लेकिन पहचानने की बहुत कोशिश कर रहा था उसने कहा कि मैं संजीव हूं और वहां से आया हूं तो उस महिला ने उसकी बात सुनी और समझ गए कि यह हमारा बेटा है
जो बहुत साल बाद यहां पर आया है वह महिला अंदर ले गए और बैठा दिया और उसके लिए कुछ खाने को लेकर आए क्योंकि वह बहुत दूर से चलकर आया था उस लड़के ने पूछा कि पिताजी कहां पर हैं तो वह बोली कि वह अभी खेत पर गए हैं और जल्दी ही घर वापस आ जाएंगे तुम आराम करो जब शाम हो गई तो उसके पिताजी घर वापस आए और अपने बेटे को देखकर बहुत खुश हुए और पूछने लगे कि क्या तुम ठीक तरह से रह रहे हो
Read More-ऐसा क्यों हुआ हिंदी कहानी
संजीव ने कहा कि मुझे आप से यह शिकायत है कि आपने हमें बहुत दूर क्यों भेज दिया था मुझे बहुत याद आती थी लेकिन आप में से कोई भी मिलने नहीं आता था ऐसी क्या बात थी कि मुझे यहां से दूर रहना पड़ा आपने कभी मुझे यह बात नहीं बताई थी जब तुम बहुत छोटे थे तो हमारे यहां पर एक साधु महाराज जी आए थे और उन्होंने कहा कि अगर तुम अपने बेटे की हालत को अच्छा रखना चाहते हो तो तुम्हें इसे 15 साल के लिए अपने आप से दूर रखना होगा हम यह भी जानते हैं कि दूर रहना बहुत ही मुश्किल था लेकिन उनकी बात पर हमें बहुत यकीन था
क्योंकि हम उन्हें बहुत सालों से जानते हैं उनकी बात हमेशा सच निकलती है इसलिए हमें तुम्हें अपने चाचा के यहां पर भेजने की इच्छा जाहिर की और तुम्हें वहां पर भेज दिया इसके बाद लड़के ने कहा कि आप भी बहुत ही जल्दी यकीन कर लेते हैं और आपने उसे यकीन को मानकर मुझे बहुत दूर भेज दिया मुझे बहुत याद आती थी और आप हमसे मिलने सिर्फ एक ही बार आए थे संजीव के पिताजी ने कहा कि हम बार-बार इसलिए नहीं आते थे क्योंकि अगर हम बार-बार आएंगे तो तुम हमारे साथ चलने के लिए जिद करोगे
हम दूर से ही यह सोचते थे कि तुम्हारी सेहत हमेशा अच्छी बनी रहे और तुम हमेशा अच्छे रहो अब इस बात को 15 साल बीत चुके हैं अब तुम हमारे साथ रह सकते हो वह कठिनाई का जीवन पीछे बीत गया है लेकिन हम जानते हैं कि किसी से दूर रहना इतना आसान नहीं है तुम भी यह समझ सकते हो कि हम तुमसे दूर किस तरह रहे हो और हमारा जीवन कितनी मुश्किलों से गुजर गया है तुम समझ सकते हो
संजीव को पिताजी की बातें शायद समझ में आ रही थी और वह मान चुका था कि वह हमारी भलाई के लिए ही सब कुछ कर रहे हैं क्योंकि और अन्य कारण हो भी नहीं सकता है कोई भी माता-पिता अपने बच्चे को दूर नहीं रख सकते हैं अगर वह रखते हैं तो वह अपने जीवन को बहुत मुश्किल में डाल कर ऐसा करते हैं इसी तरह जीवन में कितने ना जाने परिवार ऐसे हैं जो अपने बच्चों से दूर हो जाते हैं और जीवन भर पछताते हैं इसलिए हमें भी हमेशा मिलजुल कर ही रहना चाहिए और हमेशा भलाई के काम करने चाहिए.
Read More-भलाई कौन करेगा कहानी
मुश्किल का जीवन हिंदी कहानी (story in hindi) अगर आपको पसंद आयी है तो आप इसे जरूर शेयर करे और कमेंट करके हमे भी बताये.
Read More Hindi Story :-
Read More-अपने भाग्य का फल कहानी
Read More-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग एक
Read More- रेगिस्तान का सफर कहानी भाग दो
Read More-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग तीन
Read More-रेगिस्तान का सफर कहानी भाग चार