Top story in hindi language
Top story in hindi language, यह कहानी आपको पसंद आएगी, क्योकि इस कहानी से यह पता चलता है की हमे बीते हुए पल जब भी याद आते है, तो हम उन्हें याद तो कर सकते है मगर उन पल के साथ जीवन नहीं बिता सकते है यह सिर्फ हमारी यादो में होते है,
दादा जी की बातें :- Top story in hindi language
वह बहुत कहने पर भी मान नहीं रहे थे, क्योकि उनके पैर में बहुत दर्द हो रहा था, इसलिए वह यही कह रहे थे की आज मुझसे नहीं चला जाएगा, जब मेरा पर पैर ठीक हो जाएगा तो ही हम जा सकेंगे. हर बार यही सोचता था की आज अपने दादा जी के साथ बाहर घूमने जरूर जाऊँगा, मगर उनके पैर का दर्द बहुत बार हमे रोक दिया करता था, अकसर उनके पैर में दर्द रहता था, इसलिए वह बहुत मुश्किल से ही कही पर जा सकते थे,
वक़्त-वक़्त की बात कहानी
उन्हें चलने में काफी परेशानी होती थी,
मगर क्या किया जा सकता था
जब उन्हें आराम मिल जाएगा तो अच्छा होगा,
मगर उन्हें आराम कब मिलेगा,
यह पता नहीं था जब से दादा जी हमारे पास आये है
तब से वह अपने पैर के दर्द से बहुत परेशान है,
मगर क्या करे, जब तक उनका पैर ठीक नहीं होता है,
तब तक हमे इंतज़ार करना होता होगा,
मुझे बहुत पसंद है अपने दादा जी के साथ घूमना,
जब में छोटा था तब सहर आ गया था
उनसे मिलना बहुत कम होता था, मगर जब वह आते थे
तो उनके साथ हमारा दिन बीत जाता था, क्योकि पता ही नहीं चलता था
की कब दिन शरू हुआ और कब दिन चला गया था,
अभी दो दिन बीत गए थे, उसके बाद दादा जी का पैर अब ठीक हो गया था शायद उन्हें आराम मिल गया था, अगले दिन दादा जी ने कहा की जब से आया हु तब से ऊपर की वजह से कही भी नहीं जा पाया हु, आज पैर ठीक हो गया है लगता है की आज समय मिल जाएगा, तभी दादा जी आये और कहने लगे की आज आराम से बैठो हो हर रोज यही पूछते थे की घूमने नहीं जाना है मगर आज नहीं पूछ पाए हो, तभी दादा जी ने कहा की अब हमे चलना चाहिए,
समय महान है कहानी
उनकी बात सुनकर बहुत अच्छा लग रहा था क्योकि आज वह ठीक नज़र आ रहे थे उसके बाद हु दोनों काफी दूर तक सैर पर निकल गए थे क्योकि जब से वह आये थे तभी से मन कर रहा था की कही घूमने जाया जाए, मगर निकल नहीं पाए थे आज साथ में हम दोनों घूम रहे थे, कुछ देर तक हमने एक पार्क में बाते भी शरू की थी, वहा उनके साथ बैठकर बहुत अच्छा लगा रहा था दादा जी अपने समय की बाते भी हमसे कह रहे थे, वह किस तरह काम करते थे वह अपने बचपन में कौन सा खेल ज्यादा खेलते थे,
उनकी बाते सुनकर बहुत अच्छा लग रहा था, तभी तो मन कर रहा था की वह घूमने जायए क्योकि वह सभी के बारे में बता करते थे, वह हमे बहुत अच्छी बाते भी बताया करते थे उनकी बातो से हमे बहुत कुछ सिखने को भी मिलता था, यही कारण था की उनके साथ घूमना बहुत अच्छा लगता था अब शाम हो गयी थी, अब हमे घर भी जाना था, घूमते हुए उनकी बातो को सुनते हुए घर आ गए थे, उनके साथ ऐसा लग रहा था की हमारा जीवन का कुछ मूल्य बनता है,
ईमानदारी की नयी कहानी
क्योकि वह हमे जीवन की कुछ बाते भी बताते थे जिनसे हम सभी अपना जीवन अच्छा बना सकते थे मुझे तो उनका साथ बहुत अच्छा लगता था वह बचपन भी बहुत याद आता है अब ऐसा नहीं है, आज जिंदगी बहुत तेजी से चल रही है हर दिन बहुत तेजी से बीत रहा है, आज वह सभी बाते नहीं है मगर उनकी यादे आज भी है, दादा जी की बातें, Top story in hindi language, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप शेयर जरूर करे और हमे भी बताये.
दादा जी की सीख हिंदी कहानी :- Top story in hindi language
जब दादा जी सूरज को देखते है. वह बहुत उदास बैठा था. दादा जी कहते है की तुम उदास क्यों बैठे हो. सूरज कहता है की मेरा मन आज नहीं लग रहा है. क्योकि कोई भी खेलने नहीं आता है. सभी दोस्त अपने घर में रहते है. आज का समय अच्छा नहीं है. पहले हम सभी खेलते थे. मगर अब समय बदल गया है. सभी लोग घर में रहते है.
ये मेरा फैसला है हिंदी कहानी
यह दादा जी कहते है की मुझे पता है. आज कोई भी बाहर नहीं आ रहा है. क्योकि आज दुनिया में ऐसी समस्या आ गयी है. जिससे दूर जाना बहुत मुश्किल हो रहा है. क्योकि सभी लोग आज परेशान है. सभी को आज बहुत डर लग रहा है. यह डर किसी को घर से बाहर नहीं आने दे रहा है. मगर हमे अंदर से अपने आपको मजबूत बनना है. क्योकि अगर हम मजबूत होते है. तो हम आगे बढ़ सकते है. यह समय भले ही अच्छा नहीं है. मगर हमे तो मजबूत बनना है.
समय पर समझे हिंदी कहानी
Top story in hindi language, सूरज अपने दादा जी की बात सुनता है. उसके बाद कहता है. आप सही कह रहे है. आप मेरे साथ में खेल सकते है. उसके बाद दादा जी और सूरज बैठकर खेलते है. क्योकि भले ही समय अच्छा नहीं है. मगर हमे उसका सामना करना होगा. अगर हम ऐसा नहीं करते है. तो हम कमजोर बन सकते है. इसलिए जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए.
Read More Hindi Story :-