Very Good short hindi moral stories
इंसानियत की एक कहानी (Very Good short hindi moral stories)आपको जरूर पसंद आएगी, क्योकि इससे हमे पता चलता है की हम कितने ईमानदार है और हम अपना फर्ज कितने अच्छे से निभाते है, क्या आपको लगता है की आप उसकी जगह पर होते है तो क्या करते.
इंसानियत की एक कहानी : Very Good short hindi moral stories
उसके जीवन में खुशियाँ अभी-अभी आयी थी, चारो और ख़ुशी का माहौल लगा हुआ था, सभी मेहमान अभी कही नहीं गए थे. क्योकि अभी-अभी शादी का उत्सव पूरा ही हुआ था, सभी लोगो के चेहरों पर खुशियाँ था, जब सभी लोग एक साथ में होते है तो ऐसा माहौल बन ही जाता है, अभी सुबह ही हुई थी, सभी लोग अपनी-अपनी तयारी में लगे हुए थे,
किसी को आज ही जाना था, क्योकि समय ही इंसान के पास बहुत कम होता है, यह समय ही सबको अपने अनुसार चलाता है, समय के आगे सभी झुक जाते है कोई कर भी क्या सकता है, यह शादी का माहौल जैसा की आपको पता ही है सबको व्यस्त रखता है, और सभी लोग व्यस्त लग भी रहे थे, यह शादी महेंद्र कुमार के लड़के शुभम की थी, शुभम जिसका व्यवहार बहुत ही अच्छा था,
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वह जल्दी से किसी से भी बात नहीं कर पाता था, क्योकि वः सवभाव से बहुत शर्मिला भी था, शर्मिला होने के कारण वह बात करने में थोड़ा हिचकता था, लेकिन उसका व्यवहार कुछ लोग जानते थे और कुछ नहीं, सभी लोगो में जाने के लिए जल्दी थी, उत्सव का माहौल अब पूरा हो गया था, इस तरह सभी लोग धीरे-धीरे जाने लगे थे,
शाम हो चुकी थी, कुछ ख़ास मेहमान ही रुके हुए थे, लेकिन शुभम को गए हुए काफी देर हो चुकी थी, शुभम अपने एक रिश्तेदार को छोड़कर आने वाला था और उसे गए हुए काफी देर चुकी थी मगर वह अभी लोटा नहीं था, उसके पिताजी को भी इस बात की चिंता थी, घर में उस लड़के के सिवाए और कोई नहीं था,
पिताजी ने अपने एक दोस्त को साथ में लिया और उसे ढूढ़ने के लिए निकल पड़े थे, उन्हें यह पता था की शुभम अपनी गाडी से उन्हें छोड़ने के लिए गया था, अभी रात नहीं हुई थी, अभी शाम के सात बजे हुए थे, शुभम को गए हुए लगभग सात घंटे बीत चुके थे, जबकि उसे अभी तक आ जाना चाहिए था, उसका फ़ोन भी नहीं मिल रहा था, तभी सभी को बहुत चिंता थी,
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जब वह दोनों शुभम को देखने निकले तो रास्ते में एक जंगली इलाका पड़ता था, उसी कुछ दुरी पर उनकी नज़र गयी थी, सुभम की गाडी सामने ही खड़ी थी, उन्हें ऐसा लगा की हो सकता है की घडी खराब हो गयी हो, इसलिए वह समय से नहीं पहुंच पाया था, दोनों गाडी के पास गए तो गाडी का दरवाजा खुला हुआ नज़र आया था,
ऐसा कैसे हो सकता था की दरवाजा खुला हुआ है, क्या बात हो सकती है, कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, दोनों अब बहुत परेशान हो गए थे, तभी उनकी नज़र वहा की घास पर गयी थी, वह घास वहा से काफी टूटी हुई नज़र आ रही थी, उन्हें अब बहुत जयादा घबराहट हो गयी थी, वहा पर कुछ भी नज़र नहीं आ रहा था, उन्होंने ने उस जंगल की और जाने का फैसला लिया क्योकि और कोई रास्ता भी नहीं सूझ रहा था,
दोनों डरते हुए जंगल की और गए और कुछ भी नज़र नहीं आ रहा था, शुभम यहां पर करने क्या आया होगा, यह जंगली इलाका अच्छा नहीं है यहां पर जंगली जानवर भी रहते है, कुछ पता नहीं चल रहा था, क्या हुआ होगा, तभी उन्हें सुभम अंदर दिखाई दिया था, उसे देखकर दोनों बहुत परेशान हो गए थे, क्योकि वह घायल अवस्था में था, दोनों उसे उठाया और अपने साथ घर ले गए
जब वह दोनों घर पहुंचे तो सभी लोग देखकर बहुत परेशान थे, अभी शादी को दो दिन भी नहीं हुए थे और यह सब क्या हो गया था, अभी शुभम होश में नहीं था, उसका इलाज हो गया था, पर किसी को कुछ भी नहीं पता था की क्या हुआ होगा यह व्हा पर क्या कर रहा था, और ऐसी हालत में क्यों है,
सुबह हो चुकी थी शुभम भी होश में आ गया था, सभी लोग इस बात को जानना चाहते थे की क्या हुआ था, सभी लोग सुभम के पास आ गए थे और उससे पूछा गया था की रात को क्या हुआ था, तभी सुबह ने बताया की में रिश्तेदार को छोड़कर वापिस आ रहा था, तभी सामने से एक आदमी ने मुझसे लिफ्ट मांगी थी, मेने उससे पूछा की तुम्हे कहा पर जाना है,
उस आदमी ने बतया की कुछ ही दुरी पर उसकी जगह है उसे वही पर जाना था, वह गाडी में बेथ गया था, गाडी को चले हुए कुछ देर ही हुई थी तभी गाड़ी में कुछ दिक्कत आ गयी थी, इसलिए गाडी बंद पड़ गयी थी, मेने सोचा की पता नहीं क्या हुआ है, में निचे उतरा तो मेने उस आदमी से कहा की अगर आप गाडी के बारे में कुछ जानते है तो आप कुछ मदद कर दे,
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लेकिन वह गाड़ी के बारे में कुछ नहीं जानता था, तभी वह आदमी भी गाडी से निचे आ गया था, और जैसे ही वह मेरे पास आया तो वह अचानक ही वहा से भाग निकला था, उसके भागते हुए कुछ समझ नहीं आया था तभी मेने पीछे देखा तो भालू खड़ा हुआ था, उस भालू ने मेरे ऊपर जोर से वार किया और वह मुझे जंगल की और खींचकर ले गया था, उसके बाद में बेहोश हो गया था,
और जब होश आया तो में यहां पर था सुभम के पिताजी ने कहा की आज की दुनिया किसी के भी काम नहीं आती है, सबको यह सोचना चाहिए की जब हम इंसान एक दूसरे की मदद करते है तो सबको भी यह सोचना चाहिए की मुसीबत पड़ने पर वह भी किसी के काम आये शायद अब इंसानियत नहीं रही है, सभी लोग अपने बारे में सोचते है, मगर ऐसा नहीं करना चाहिए,
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अगर आपको लगता है की आप उसके लिए बहुत कुछ कर सकते थे, तो आप सही मायने में बहुत अच्छे इंसान है, अगर आपको यह इंसानियत की एक कहानी, (Very Good short hindi moral stories) पसंद आयी है तो आप इसे जरूर शेयर करे क्योकि यह सबके लिए बहुत जरुरी है,
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